
जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर में प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह संपन्न.
भारत की जनसंख्या के हिसाब से बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा पर ध्यान देना होगा- वैज्ञानिक अधिकारी

विभिन्न प्रतियोगिताओं में कुल 638 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जबकि 49 विजेताओं को प्रमाण-पत्र व पुरस्कार प्रदान किए गए.
वलसाड. जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर में न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की पहल के तहत भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) द्वारा आजादी अमृत महोत्सव उत्सव के हिस्से के रूप में 22.08.2022 से 28.08.2022 तक प्रतिष्ठित सप्ताह मनाया गया. अंतिम दिन 28 अगस्त को न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड काकरापार के वैज्ञानिक अधिकारी श्री आर. बी. पाटिल “भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम और परमाणु ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया” पर लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान आयोजित किया गया.
वैज्ञानिक अधिकारी आर. बी. पाटिल ने बताया कि फ्रांस में 78 फीसदी बिजली परमाणु ऊर्जा से हासिल होती है. भारत में 3.7% बिजली परमाणु ऊर्जा से उत्पन्न होती है. जबकि पृथ्वी में 30 से 50 वर्षों तक पर्याप्त तेल और कोयला उपलब्ध होगा, तो कोई भी ऊर्जा स्रोत बिजली की समस्या का समाधान नहीं मिलेगा. वर्तमान में कोयला भारत के बिजली उत्पादन में भारी योगदान देता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है. भारत की जनसंख्या के अनुसार बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए निकट भविष्य में परमाणु ऊर्जा पर ध्यान देना होगा. आमतौर पर यूरेनियम जैसे भारी परमाणु पर न्यूट्रॉन से टकराकर परमाणु विखंडन की प्रक्रिया से बहुत बड़ी मात्रा में (200 MeV) ऊर्जा उत्पन्न होती है. एक किलो कोयले से 3 kwh प्राप्त होता है. जबकि 1 किलो यूरेनियम से 50000 kwh(किलोवाट) ऊर्जा पैदा होती है. जिससे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है.

इस कार्यक्रम की शुरुआत पौधरोपण कर की गई. परमाणु ऊर्जा पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 27.08.2022 को किया गया था. जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर के शिक्षा अधिकारी प्रज्ञेश राठौर ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों को परमाणु ऊर्जा संयंत्र की कार्यप्रणाली और उसकी उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि ऋषि कणाद ने सबसे पहले दुनिया को परमाणु ऊर्जा की अवधारणा दी थी. उन्हें “परमाणु सिद्धांत के पिता” के रूप में सम्मानित किया जाता है. वहीं डॉ. होमी जहांगीर भाभा को “भारत के परमाणु कार्यक्रम का जनक” माना जाता है.

जिला विज्ञान केंद्र द्वारा सप्ताह के उत्सव के दौरान कुल 638 छात्रों ने निबंध प्रतियोगिता, वक्तृत्व प्रतियोगिता, ड्राइंग प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया और परमाणु ऊर्जा के महत्व को समझा. समापन कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक अधिकारी श्री आर. बी. पाटिल, जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर के शिक्षा अधिकारी प्रज्ञेश राठौड़ व डॉ. इंद्रा वत्स, क्यूरेटर द लेडी विल्सन म्यूजियम धरमपुर द्वारा 49 प्रतियोगियों को प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार प्रदान किए गए. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला विज्ञान केंद्र धरमपुर की पूरी टीम का सहयोग श्री अशोक जेठे, जिला विज्ञान अधिकारी के मार्गदर्शन में प्राप्त हुआ.
