स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
मुंबई । मुंबई स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने आज बैंक धोखाधड़ी के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के तत्कालीन महाप्रबंधक और मुंबई स्थित निजी कंपनी के अन्य निदेशकों को तीन वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
मुंबई की विशेष अदालत ने बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के तत्कालीन प्रबंधक डॉ. डी आर देशपांडे, तत्कालीन एजीएम, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बांद्रा (ई), मुंबई को लाख रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा मुंबई के मुकेश एम. शाह, मैसर्स एसपीएल टेक्नोकेम लिमिटेड और श्रेयांश पी. शेठ, निदेशक, एसपीएल टेक्नोकेम लिमिटेड, दोनों को 1.01 करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की कठोर कारावास और निजी कंपनियों के अन्य पांच निदेशकों यानी श्री. धुमिल शेठ, निदेशक, मैसर्स, कल्पतरु कॉमट्रेड प्रा. लिमिटेड; श्री विलेश शेठ, निदेशक एम/एस सबरंग पॉलीमर्स प्रा. लिमिटेड; श्री विशाल शेठ, निदेशक एम/एस विजन एजेंसियां पी. लिमिटेड; श्री हसमुख शेठ, निदेशक, मैसर्स शार्प इंडस्ट्रीज प्रा. लिमिटेड; विनोद शेठ, निदेशक, मैसर्स शार्प इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड; श्री मेसर्स कैट कॉस्मेटिक्स एंड हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज बी. शाह को 50.5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने आरोपी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सीबीआई ने महाप्रबंधक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शिकायत पर दिनांक 18.03.2009 को मामला दर्ज किया था। ऐसा आरोप था कि वर्ष 2007 के दौरान, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के तत्कालीन सहायक महाप्रबंधक, श्री डी.आर. देशपांडे की मिलीभगत से इसके निदेशकों सहित अभियुक्तों ने इन्वेंट्री और प्राप्तियों और एलसी-इनलैंड/आयात के दृष्टिबंधक के विरुद्ध रु. 2.10 करोड़ की नकद ऋण सीमा प्राप्त की थी। धोखाधड़ी के माध्यम से और जाली दस्तावेजों पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बांद्रा (पूर्वी) शाखा, मुंबई से रु. 5.40 करोड़ रुपये, इस प्रकार आरोपी ने बैंक को रु. 2,69,08,482/- और बिना लागू ब्याज के रु. 1,04,25,069/- की धोखाधड़ी की थी। विवेचना के पश्चात अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया था। विचारण न्यायालय ने उक्त अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।