19.9 C
New York
Monday, Apr 29, 2024
Star Media News
Breaking News
News

बांस में से विभिन्न प्रकार की आकर्षक कलाकृतियां बनाकर अपनी आजीविका चलाती हैं वलसाड जिला की महिलाएं। 

 गुजरात सरकार के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम द्वारा बहनें बन रही हैं आत्मनिर्भर। 
बाजार में मांग के अनुरूप नए उत्पाद बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है। 
 प्रधानमंत्री के ”वोकल फॉर लोकल” के मंत्र को पूरा करते हुए पर्यटक स्थलों पर बांस के उत्पाद भी खरीद रहे हैं पर्यटक।
स्टार मीडिया न्यूज, वलसाड। महिलाएं आत्मनिर्भर बने इसके लिए गतिशील गुजरात सरकार द्वारा महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसका लाभ उठाकर महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से अपनी बल्कि अपने परिवार की भी मदद कर रही हैं। जिसके लिए गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ पॉटरी आर्ट्स एंड रूरल टेक्नोलॉजी गांधीनगर द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अंभेटी में आयोजित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम बहनों के लिए वरदान साबित हुआ है। गुजरात सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाती है जिसमें महिलाओं के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाता है जो उस जिले की भौगोलिक स्थिति के अनुसार उपयोगी होगा।
चूंकि वलसाड जिले में बांस की मात्रा अधिक है और यह आसानी से उपलब्ध है, इसलिए वलसाड जिले के पारडी तालुका के अंभेटी गांव में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र में वर्तमान समय में 29 महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बांस में से बनाई गई घर की सजावट की कलाकृति और दैनिक जीवन में उपयोगी हो सके ऐसी वस्तुएं जैसे कि फूलदानी, बांस से बनी टोकरियाँ, लेटर बॉक्स, वोल पीस, हेंगिंग फूलदानी, नाईट लैंप, पेन स्टैंड, मोर, जहाज, बैलगाड़ी, सूरज, सीटी और फलों की थाली (ट्रे) सहित वस्तुओं को बनाने की 2 महीने की ट्रेनिंग प्रशिक्षण सेंटर के इंचार्ज गमनभाई गांवित व केवीके के गृह वैज्ञानिक प्रेमिलाबेन आहिर के मार्गदर्शन में गुलाबभाई खांडरा और जगदीशभाई गायकवाड़ द्वारा दी जा रही है। बहनें अपनी शिल्प कला से आकर्षक वस्तुओं का निर्माण करती हैं, जो सखी मेला तथा डांग, वघई और विल्सन हिल सहित आदिवासी क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों पर सहलानियों (पर्यटकों ) द्वारा बांस के उत्पाद खरीदने से महिलाएं आत्मनिर्भर तथा सशक्त बन रहीं हैं और उनकी कला को बढ़ावा भी मिल रहा है। जो वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी के वोकल फॉर लोकल के मंत्र पर खरा उतरता है।
मैंने अपनी कमाई से एक्टिवा भी ली और अपने परिवार की मदद भी कर रही हूं:- लाभार्थी
इस कार्यक्रम के माध्यम से कई महिलाएं पैर जमा रही हैं, जिनमें अंभेटी गांव की चंदाबेन पटेल ने अपनी सफलता की कहानी सुनाई और बताया कि कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में 3 वर्ष पूर्व बांस से विभिन्न वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। 100 रूपये से लेकर 500 रूपये तक बांस के प्रोडक्ट बनाकर उन्हें बेचने से प्रति माह लगभग रु. 5000 से 10000 रूपये कमाए हैं। मैंने बचत से एक एक्टिवा मोपेड भी खरीदी है और अपने परिवार की भी मदद कर रही हूं। अब मैं फिर से ट्रेनिंग ले रही हूं जिससे मैं बाजार में उत्पादों की मांग के अनुसार नए उत्पाद बनाना सीख रही हूं।
राज्य सरकार द्वारा बहनों को 5000 रूपया स्टाइपेंड भी दिया जाएगा:- गृह वैज्ञानिक 
कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक प्रेमिलाबेन आहीर ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की बहनों को प्रशिक्षित करना आवश्यक है ताकि वे आर्थिक रूप से पैर जमाने के रूप में रोजगार प्राप्त कर सकें, इसलिए गांधीनगर ग्रामीण प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रस्तावित प्रशिक्षण को मंजूरी दी गई है। इस प्रशिक्षण के अंत में बहनों को राज्य सरकार द्वारा द्विमासिक 5000 रूपया स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।

Related posts

समरस फाउंडेशन ने किया वरिष्ठ पत्रकार अनिल तिवारी का सम्मान.

starmedia news

रूदेय संस्था द्वारा भारत मित्र मंडल के गणेश पंडाल में बच्चों ने बनाई मिट्टी से गणेश जी की मूर्ति. 

cradmin

नवकुंभ द्वारा हुआ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन

starmedia news

Leave a Comment