हिंदू संगठनों द्वारा राष्ट्रीय खेल कबड्डी के प्रति युवाओं में रुझान बढ़ाने हेतु शानदार प्रयास
कृष्ण मिश्र “गौतम”
स्टार मीडिया न्यूज वापी । “कबड्डी “जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में खेली जाती है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूर्व में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। यह खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है।
राष्ट्रीय खेल कबड्डी के माध्यम से युवाओं में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने और हिंदू समाज के युवाओं को संगठित करने के उद्देश्य से गुजरात वापी में हिंदू प्रीमियर लीग कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन गुजरात के वलसाड जिले अंतर्गत वापी शहर में किया गया।वापी के रोफेल कॉलेज में आयोजित इस कबड्डी टूर्नामेंट में भारत के विभिन्न राज्यों की लगभग 50 टीमों ने भाग लिया। एक दिवसीय इस टूर्नामेंट का उद्घाटन स्वामीनारायण के संत कपिल स्वामी, वापी नगर पालिका उपाध्यक्ष अभय शाह, हिंदू संगठनों, संगठनों के नेताओं, वापी के डीवाईएसपी सहित वापी के प्रबुद्ध गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया ।
कबड्डी टूर्नामेंट को लेकर विहिप के जिला उपाध्यक्ष , कार्यक्रम के समन्वयक नरेंद्र पायक ने बताया कबड्डी हमारा राष्ट्रीय खेल है. अधिक से अधिक युवाओं को देशी खेल( गांवों में खेले जाने वाले राष्ट्रीय खेल) से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना विशेष मकसद है , हिदू युवाओं की समाज और खेल के प्रति रुझान बड़े , साथ ही देश हित में युवा साथ जुडें । हिंदू प्रीमियर लीग में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों की करीब 50 टीमों ने हिस्सा लिया है।
प्रखर हिंदूवादी सामाजिक कार्यकर्ता पंडित संपूर्णानंद तिवारी ने बताया की भायंदर, मुंबई की 2 महिला कबड्डी टीमों के खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया है। कबड्डी टूर्नामेंट गुजरात कबड्डी एसोसिएशन के साथ पंजीकृत है। इस टूर्नामेंट में राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर और जिला स्तर की टीमों ने भाग लिया है। युवाओं में कबड्डी के खेल में रुचि विकसित करने और उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से आयोजित, विजेता टीम को 25555 रुपये का नकद पुरस्कार, एक ट्रॉफी और एक पदक दिया जाएगा। उपविजेता टीम को 15555 रुपये नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और मेडल से सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट में महाराष्ट्र की 13 टीमों के अलावा वापी के स्कूल-कॉलेज की टीम, अहमदाबाद की कर्णावती, साबरमती, वडोदरा एमएस यूनिवर्सिटी, पारुल यूनिवर्सिटी की टीम ने कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लिया । आयोजन संस्था ने अतिथियों, मैच रैफरियों को गीता भेंट कर सम्मानित किया। हिंदू प्रीमियर लीग कबड्डी टूर्नामेंट में उपस्थित सभी 50 टीम के खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हुतुतुतु के इस राष्ट्रीय खेल को रोमांचक बना दिया। भारत का राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद शहरी क्षेत्रों में काफी प्रचलन रहा है । कबड्डी भारत के ग्रामीण विस्तार के दिल में बसता है , जिसका अंदाजा विश्व कप विजेता के तौर पर दिखाई पड़ता है। कबड्डी का विश्वकप सबसे पहले 2004 में खेला गया था। उसके बाद 2007, 2010, 2012 और 2016 में हुआ। अभी तक भारत सभी में विजेता रहा है।