15 C
New York
Saturday, May 4, 2024
Star Media News
Breaking News
Exclusive Newsगुजरातबिजनेस

प्रधानमंत्री का नया स्टार्टअप व मेक इन इंडिया की पहल वापी में रंग लाया

वलसाड की एक महिला ने नौकरी छोड़कर डिस्पोजेबल कपड़े का कारोबार शुरू किया और 5 वर्ष में 6.57 करोड़ का हो गया टर्नओवर
 प्रधानमंत्री एम्प्लाईमेंट जनरेशन प्रोग्राम योजना कल्पवृक्ष के अमृत समान साबित हुई 
महिलाएं आत्मनिर्भर बने इसके लिए 90 प्रतिशत स्टाफ महिलाओं को रखते हुए महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन मिसाल पेश की
 कोरोना काल में आई आपदा से निपटने हेतु यूज एंड थ्रो उत्पादों का उत्पादन शुरू करने के लिए रु. 21 लाख का कर्ज मिला
 एक महिला व्यवसायी होने के नाते, सरकार द्वारा अतिरिक्त 2 प्रतिशत मिलाकर कुल 44 प्रतिशत सब्सिडी मिलता है
विशेष लेख: जिग्नेश सोलंकी
स्टार मीडिया न्यूज वलसाड। “નારી તુ કદાપી ન હારી, તારા થકી છે સૃષ્ટિ સારી, તુ છે સૌની તારહણહારી…” यह कहावत नारी की शक्ति, शौर्य और पराक्रम को दर्शाती है, आज के समय में नारी हर क्षेत्र में अग्रणी बन चुकी है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी उनके द्वारा प्रज्जवलित की गई महिला सशक्तिकरण की ज्योति आज भी राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के कार्यकाल में जल रही है। “जो उड़ना चाहता है, उसे आसमान मिला” इसी तरह प्रधानमंत्री की स्टार्टअप और मेक इन इंडिया की पहल महिलाओं के लिए वाकई वरदान साबित हुई है। जिसका बेहतरीन उदाहरण वापी जीआईडीसी की व्यवसायी महिलाओं ने प्रदान किया है। इस महिला ने 5 वर्ष में रु. 6.57 करोड़ का टर्नओवर किया है, इसके साथ ही उन्होंने अपने उत्पादों से विदेशों में ‘मेक इन इंडिया’ का नारा को गुंजायमान किया है।
8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं कि उनके संघर्ष की सफलता की इस गाथा में गुजरात सरकार का कल्पवृक्ष कैसे अमृतफल बन रहा है ।
वलसाड के तीथल रोड पर पालीहिल की रहने वाली बिजलबेन नीरवभाई देसाई ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग करने के बाद इंटरनेशनल एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट ट्रेड मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री हासिल की। MBA पूरा करने के बाद, उन्होंने एक कंपनी में इंटरनेशनल मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम करना शुरू किया। लेकिन संतोषजनक वेतन न मिलने के कारण नौकरी करने के बजाय उन्होंने आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया। क्योंकि उनके दिमाग में प्रधानमंत्री स्टार्टअप योजना पहल का विचार चल रहा था। एक दिन उन्होेंने एक समाचार पत्र में आने वाले वर्षों में बिना बुने (डिस्पोजेबल) कपड़े की मांग के बारे में एक समाचार पढ़ा। कोरोना काल में आपदा को एक अवसर में बदलने का विचार तब आया जब कोरोना काल में सभी लोगों के व्यवसाय और नौकरियां चौपट हो गईं। कोरोना काल में सर्जिकल वाइप्स, बेबी वाइप्स, किचन रोल, टॉयलेट रोल और पेपर नैपकिन जैसे आलीशान उत्पादों का इस्तेमाल करके फेंक दिया गया था, इसलिए सिर्फ डॉक्टर और खास वर्ग के लोग ही इनका इस्तेमाल कर सकते थे। लेकिन यह विचार पैदा हुआ कि इस उत्पाद को देश का आम नागरिक इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती थी कि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने के लिए पैसे कहां से लाएं। इस बीच एक दिन प्रधानमंत्री को समाचार पत्र में रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के बारे में पता चला और बिना किसी देरी के सीधे वलसाड जिला उद्योग केंद्र पहुंचीं , जहां उन्होंने योजना की सभी जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त किया और योजना पोर्टल पर लॉग ऑन किया। उसके बाद उनका साक्षात्कार लिया गया। जिसमें वो पास हुईं और उन्होंने प्रोजेक्शन फाइल सम्मिट कर दिया। मंजूरी मिलने के बाद सरकारी बैंक से 21 लाख का कर्ज मिला। जिसमें महिला उद्यमियों को 42 प्रतिशत एवं अतिरिक्त 2 प्रतिशत अनुदान कुल 44 प्रतिशत अनुदान प्राप्त हुआ। गुजरात सरकार के इस समर्थन ने साबित कर दिया कि जो कोई भी बिजलबेन के लिए दौड़ना चाहता है उसे एक ढलान मिल गई है, बीजलबेन ने लाइसेंस के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग से संपर्क किया, पर्याप्त मार्गदर्शन और समर्थन मिला, अपने उत्पाद को हैप्पी नाम से पंजीकृत किया और रेनबो टैक्स फैब कंपनी शुरू की और एक के बाद एक राज्य जैसे गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल, मध्य प्रदेश, हरियाणा, बंगलौर जैसे राज्यों मे अपना बिजनेस नेटवर्क स्थापित करने के बाद पीएम मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ का नारा अफ्रीका, श्रीलंका और बांग्लादेश में गुंजायमान किया। उत्पादन केंद्र शुरू करने के बाद मासिक उत्पादन 74,110 रूपया था व डेढ़ वर्ष के भीतर उत्पादन का आंकड़ा सीधे बढ़कर 5.23 लाख रूपया पहुंच गया है। खुद आर्थिक रूप से संपन्न होने के साथ-साथ उन्होंने अपनी कंपनी में 90 प्रतिशत स्टाफ महिलाओं को रखकर महिला सशक्तिकरण की भी बेहतरीन मिसाल पेश की है।
इस प्रकार उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी छोटी पगार में नौकरी कर बिजलबेन देसाई जैसी अनेक युवाओं के लिए प्रधानमंत्री की नई स्टार्टअप योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना को साकार करना वास्तविक रूप से सफल रहा है।

Related posts

गणेशोत्सव के अवसर पर किया गया रक्तदान शिविर का आयोजन 

starmedia news

वलसाड के पारनेरा सार्वजनिक माध्यमिक विद्यालय में कौशल महोत्सव प्रतियोगिता-2023 का आयोजन किया गया

starmedia news

Happenings Advertising Chairman Harish Shaktawat – A Successful Business Man

cradmin

Leave a Comment