11.8 C
New York
Sunday, Apr 28, 2024
Star Media News
Breaking News
Breaking Newsगुजरातप्रदेश

नवसारी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया पौधा वितरण कार्यक्रम

 गुजरात में रबर के फसल की व्यावसायिक खेती की संभावनाओं की तलाश करने हेतु किसानों को प्रयोगों में किया शामिल:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, 
रविंद्र अग्रवाल 
नवसारी। नवसारी कृषि विश्वविद्यालय (एन.ए.यु.), नवसारी ने भारतीय रबर अनुसंधान संस्थान, रबर बोर्ड, कोट्टायम के सहयोग से क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र, नवसारी में रबर के पौधे वितरित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एन.ए.यु., नवसारी के कुलपति डॉ. जेड. पी. पटेल और कार्यकारी निदेशक, रबर बोर्ड, कोट्टायम, श्री एम. वसंतगेसन ने रबर क्लोन के 430 पौधे वितरित किए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गुजरात में रबर की फसल की व्यावसायिक खेती की संभावनाओं की तलाश के प्रयोगों में एन.ए.यु., नवसारी के साथ किसानों को शामिल करना था। कार्यक्रम में अनुसंधान निदेशक डॉ. तैमुर अहलावत, प्रिंसिपल एवं डीन, एस्पी हॉर्टिकल्चर कॉलेज, डॉ. अल्का सिंह, सहायक अनुसंधान निदेशक, डॉ. ललित महात्मा, वैज्ञानिक, भारतीय रबर अनुसंधान संस्थान, कोट्टायम, केरल डॉ. थॉमसन अब्राहम, एन.ए.यु., नवसारी के विभिन्न विभागों के प्रमुख डॉ. दर्शन भंडेरी, डॉ. विनय परमार, डॉ. देवराज, डॉ.आनंद कसवाला, डॉ.भूपेन्द्र टंडेल, डॉ.पंकज भालेराव एवं अन्य वैज्ञानिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में 15 प्रगतिशील कृषकों को लगभग एक हजार रबड़ के पौधे वितरित किये गये। उपस्थित सभी महानुभावों और वैज्ञानिकों ने भविष्य में रबर की फसल के महत्व को विस्तार से समझाया। रबर के पौधे लगाने से लेकर उनकी देखभाल के विभिन्न पहलू पर विस्तार से चर्चा की गई। हांसोट गांव के प्रगतिशील किसान अल्केश पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपस्थित किसानों की ओर से पौधों की पूरी देखभाल करने का आश्वासन दिया। एन.ए.यु., नवसारी के कुलपति डॉ. जेड. पी. पटेल ने आग्रहपूर्वक कहा कि रबर की फसल गुजरात की भविष्य की फसल होगी और रबर और लकड़ी प्रदान करने के अलावा यह मधुमक्खी की संख्या में वृध्दि कर खेतों में उत्पादन बढ़ाने और अच्छी गुणवत्ता वाला शहद प्रदान करने में मदद कर सकती है। रबर की मांग तेजी से बढ़ रही है और बदलते सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिदृश्य में रबर की फसल किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित होगी।
श्री एम. वसंतगेसन ने भारत में रबर उत्पादन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि केरल भारत में रबर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, जो भारत में वर्तमान उत्पादन का 35% हिस्सा है। रबर उत्पादन में त्रिपुरा दूसरे और मेघालय तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि भारत को 13 लाख मैट्रिक टन रबर की जरूरत है जबकि हम केवल 8.5 लाख मैट्रिक टन का ही उत्पादन कर रहे हैं।
अनुसंधान निदेशक, डॉ. अहलावत ने बताया कि एन.ए.यु., नवसारी के कुलपति डॉ. जेड. पी. पटेल के नेतृत्व में, गुजरात में पहली बार रबर के फसल की व्यावसायिक खेती के प्रयोगों की शुरुआत की गई है और एक वर्ष के परिणाम बहुत ही आकर्षक रहे हैं। इनके परिणाम को देखकर इस फसल के प्रयोगों में किसानों को शामिल करने का निर्णय लिया गया हैं। प्रोफेसर जैमिन नायक ने कार्यक्रम का संचालन किया और किसानों को विश्वविद्यालय की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। ओलगाम के प्रगतिशील किसान मनीष देसाई ने एन.ए.यु., नवसारी के कुलपति डॉ. जेड. पी. पटेल का भविष्य के लिए किसानों के लिए नई फसलों पर अनुसंधान करने के लिए आभार व्यक्त किया।
श्री एम. वसंतगेसन ने एन.ए.यु., नवसारी के विभिन्न स्थानों जहां पर रबर के प्रयोग किये गए हैं,  दौरा किया व एन.ए.यु., नवसारी के कुलपति डॉ. जेड. पी. पटेल और अन्य वैज्ञानिकों को दक्षिण गुजरात में रबर की सफल खेती में उनकी उत्साही भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया।

Related posts

वापी ग्रीन एनवायरमेंट लिमिटेड की वार्षिक बैठक  हुई संपन्न

starmedia news

પારડીની સંસ્કૃત મહાવિદ્યાલયમાં ગુજરાતી ભાષા ગૌરવ સંવર્ધનની એક દિવસીય કાર્યશાળા સંપન્ન

starmedia news

 धरमपुर-कपराडा में एसटी बस में सफर का अभूतपूर्व प्रतिसाद, अगले दो रविवार के लिए बुकिंग फुल

starmedia news

Leave a Comment