श्यामजी मिश्रा
वलसाड जिला। हाल ही में जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में गुजरात ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा आयोजित समग्र गुजरात स्तर की इंटरसर्कल/पॉवरस्टेशन संगीत और एकांकी नाटक प्रतियोगिता जामनगर में आयोजित की गई थी। जिसमें साउथ गुजरात पावर कंपनी के विभिन्न सर्किलों और कॉर्पोरेट कार्यालयों की टीमों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कुल 17 पुरस्कार प्राप्त किए और एक शानदार उपलब्धि हासिल की।
गुजरात स्तर की भव्य प्रतियोगिता में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाले कलाकार कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए डीजीवीसीएल द्वारा जीवनभारती रंग भवन, नानपुरा, सूरत में “वीनर शो” का आयोजन किया गया। जिसमें विजेता नाटकों एवं संगीत कृतियों को संस्थान के प्रबंध निदेशक, अन्य उच्च अधिकारियों, कलाकारों के परिवारों एवं उपस्थित अन्य अतिथियों तथा कलात्मक स्टाफ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
एकांकी नाट्य प्रतियोगिता में पूरे गुजरात से आई 19 एंट्रियों में से प्रथम तीन क्रमांक के विजेता ईनाम डीजीवीसीएल की टीमों ने प्राप्त किया। डॉ. स्वातिबेन नायक द्वारा लिखित नाटक “पडधानां प्रतिबिंब” ने सर्वश्रेष्ठ नाटक को प्रथम, इस नाटक के निर्देशक उमेश नायक को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक तथा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का प्रथम व द्वितीय ईनाम क्रमशः श्रीमती मालतीबेन शाह और श्रीमती पारुलबेन को एवं मंच सज्जा का पुरस्कार महेश महिसूरी को दिया गया।
डॉ. स्वातिबेन नायक ने सूरत रूरल सर्कल के टीम का नाटक “प्रिय झाकल.. लिमिटेड आदित्य ” को श्रेष्ठ नाटक का द्वितीय, इस नाटक की अभिनेत्री श्रीमती प्रियंकाबेन मैसूरिया को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का तृतीय, चिराग मोदी को श्रेष्ठ संगीत संचालन और डॉ. स्वातिबेन नायक को श्रेष्ठ स्क्रिप्ट का पुरस्कार प्राप्त हुआ। सूरत सिटी सर्कल टीम को प्रो. ज्योति वैद्य लिखित नाटक “बंद दरवाजा” को श्रेष्ठ नाटक का तृतीय ईनाम सहित नाट्यस्पर्धा में डीजीवीसीएल को कुल दस (10) पुरस्कार प्राप्त हुए।
इसके अलावा, संगीत प्रतियोगिता के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं में डीजीवीसीएल टीमों ने कुल सात (7) पुरस्कार जीते। जिसमें श्रीमती नीताबेन पटेल ने सुगम गायन प्रतियोगिता में तृतीय स्थान, रंजनबेन लीम्बाचिया ने लोकगीत प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान, वाद्य संगीत की स्पर्धा में कु. हेतल चूडासमा को प्रथम, धर्मेश पटेल को तृतीय तथा भजन व गजल स्पर्धा में क्रमशः महेशभाई महिसूरी और उमेश नायक को सांत्वना पुरस्कार मिला। समूहगीत प्रतियोगिता में, सूरत रूरल सर्कल की टीम को “सूरत की ऐसी बारिश” गीत के लिए तीसरा पुरस्कार मिला।
कार्यक्रम के अंत में डीजीवीसीएल के प्रबंध निदेशक योगेश चौधरी ने जीवन में कला के महत्व को समझाते हुए कहा कि हर कला हमारी आत्मा को छूती है। एक कलाकार गाते या अभिनय करते समय संगीत में खो जाता है। व्यक्ति स्थान या समय को भूल जाता है। ये एक अलग और अद्भुत अनुभव है। उन्होंने अंग्रेजी फिल्म ‘डेड पोएट्स सोसाइटी’ के एक डायलॉग का हवाला देते हुए कहा कि ‘हम कविता इसलिए नहीं पढ़ते या लिखते हैं क्योंकि वह खूबसूरत है, बल्कि इसलिए पढ़ते या लिखते हैं क्योंकि हम इंसान हैं। जीवन में रोजमर्रा की चीजें, व्यवसाय आदि जरूरी हैं, लेकिन संगीत, कला, प्रेम, कविता ऐसी चीजें हैं जिनके लिए हम जीते हैं। अंत में उन्होंने विशेष रूप से कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम नियमित रूप से होते रहने चाहिए।