कृष्ण कुमार मिश्र ,
गुजरात के मोरबी में रविवार को हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में करीब 150 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हैं। गौरतलब है कि ये हादसा मच्छू नदी पर केबल ब्रिज टूटने की वजह से हुआ।
गुजरात के मोरबी पुल हादसे में जांच समिति बनाकर मामले की गहनता से तहकीकात की जा रही है। इस मामले में अब तक ठेकेदार ओरेवा कंपनी के 9 लोग गिरफ्तार किए गए हैं ।गहन पूंछताछ में कई खुलासे भी हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुल के ठेके की फाइल पुलिस को मिली है। 2 करोड़ रुपए में ठेका मिलने की जानकारी सामने आई है। इस पुल को 7 महीनों तक बंद रखने की जानकारी सामने आई है। जैसे की ओरेवा कंपनी के डायरेक्टर ने स्वयं प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी थी , लेकिन किसी कारणवश बिना लोडिंग टेस्ट किए हुए और नगरपालिका के एनओसी के बिना ही पुल को खोल दिया गया। लेकिन नगरपालिका के किसी अधिकारी का एफआईआर में जिक्र तक नही है।
चौकाने वाली बात है , की जिस पुल को नगरपालिका द्वारा एनओसी नही मिली , उसी पुल का टिकट नगरपालिका के प्रबंधन में ही लोगों को दिया गया था। कहीं न कही मामला राजनीति से प्रेरित लगता है। स्टार मीडिया को शुरू से ही इस बात अंदेशा था , जांच में धीरे धीरे बात सामने आ रही है।
कुल 9 आरोपियों में से 4 को रिमांड में लिया गया है। मामले में सरकारी पक्ष की वकालत करने वाले एडवोकेट हरसेंदु पांचाल के मुताबिक केवल फ्लोरिंग बदला गया वो भी एल्यूमीनियम का जो की कमजोर था ,जिसके कारण यह गंभीर हादसा हुआ।
वडोदरा के संदेसरा बंधुओं ने बैंकों से 17 हजार करोड़ की ठगी की है और देश से तड़ीपार है। मोरबी में केबल ब्रिज हादसे में मारे गए मासूम नागरिकों को ठेका ओरवा कंपनी को दिया गया था और इसका कही न कही कनेक्शन वडोदरा के करोड़ों के घोटालेबाज चेतन संदेशरा परिवार से है।
वडोदरा घोटालेबाज चेतन उर्फ चीकू संदेसरा, उनकी पत्नी दीप्ति संदेसरा, नितिन संदेसरा, चीकू के रिश्तेदार हितेश पटेल और मयूरी पटेल को आज भी सीबीआई द्वारा तलाशा जा रहा है, जो 17 हजार करोड़ से अधिक के घोटाले में नामित है और भारत की जांच एजेंसियों से तड़ीपार हो विदेश में छिपे बैठे है। सीबीआई तलाश में लगी है । गौरतलब है की मोरबी पुल मरम्मतीकरण का ठेका लेने वाली जयसुख पटेल की ही है। ओरेवा कंपनी के करभार ने देश ही नहीं पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है।