18.2 C
New York
Wednesday, Oct 4, 2023
Star Media News
Breaking News
News

संकटकाल में भी पेपर उत्पादन में वलसाड जिला सर्वोत्कृष्ट – IPPTA

कृष्ण कुमार मिश्र,

वापी। यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को भारी संकट में ला कर खड़ा कर दिया है। रूस की आपूर्ति में कमी के साथ यूरोप और पश्चिम के देशों को भी युद्ध का दंश झेलना पड़ रहा है। प्रत्येक देश किसी भी कीमत पर अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा सुरक्षित करने में लगा हुआ है। परिणाम यह है कि प्राकृतिक गैस की कम उपलब्धता के कारण तेल की मांग में कमी आई है और कोयला आधारित ऊर्जा में वृद्धि हुई है और जीवाश्म ईंधन की कीमत में कई गुना वृद्धि हुई है परिणामस्वरूप कई उद्योग ठप होने के कगार पर हैं।

ऊर्जा की बढ़ती कीमतें जीवन-यापन के संकट को बढ़ा रही हैं। वैश्विक ऊर्जा में व्यवधान दुनिया भर की सरकारों को भारी दबाव में डाल रहा है। भारत में उद्योग जगत में फैली चिंता का मुख्य कारण कोयले की बढ़ी हुई कीमतें जिम्मेदार हैं ।
पेपर इंडस्ट्री भी इस से अछूता नहीं रह पाया है। यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर कागज उद्योग की स्थिति पर चर्चा वापी के अवध उतोपिया में इंडियन पल्प एंड पेपर टेक्निकल एसोसिएशन ( IPPTA) द्वारा दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सामान्य रूप से बढ़ती ऊर्जा की कीमतों और विशेष रूप से यूक्रेन युद्ध के संकट काल में कागज उद्योग की स्थिति पर चर्चा की गई। इस सम्मेलन का उद्घाटन राज्य के वर्तमान पेट्रोलियम एवम वित्त मंत्री तथा बीजेपी प्रत्याशी कनुभाई देसाई ने किया । सेमिनार में देश भर से 350 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

गुजरात पेपरमिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार अग्रवाल ने अतीत में कागज उद्योग की मदद करने के लिए कनुभाई के प्रयासों की सराहना की। जीआईडीसी चेन्नई के एक ऊर्जा विशेषज्ञ डॉ. राम ने नवीनतम तकनीकों के बारे में बताया और कई विशेषज्ञों ने स्थिति को कम करने पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इप्टा ( इंडियन पल्प एंड पेपर टेक्निकल एसोसिएशन ) के महासचिव एम के गोयल ने कहा कि भारत के बाहर कागज का कुल उत्पादन सालाना 2.5 करोड़ टन है। जिसमें गुजरात का योगदान करीब 23 फीसदी है। 5.75 मिलियन टन की उत्पादन क्षमता के साथ वलसाड जिले में भारतीय उत्पादन क्षेत्र में अग्रणी है। इसकी उत्पादन क्षमता 2.25 मिलियन टन है।

पिछले 50 वर्षों में वापी की यात्रा के बारे में भी बताया गया। 1971 में, एक मशीन द्वारा 2 टन कागज का उत्पादन किया गया था। जिसमें ग्रोथ देखने को मिली। मशीन से प्रतिदिन 750 टन उत्पादन होता है।वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने पेपर उद्योग में अपना अमूल्य जीवन देने वाले उद्योगपतियों का आभार व्यक्त किया साथ ही वापी के जाने-माने उद्योगपति ए के शाह, गौतमभाई शाह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया । वापी के उद्योगपति तुषार शाह ने कहा कि एक उद्योगपति ने विभिन्न कागजों की अगली पीढ़ी को लाने में कामयाबी हासिल की है. विजन 2030 पर चर्चा के लिए मिल मालिकों और युवा उद्यमियों ने मंच पर अपने विचार रखे।

इंडियन पल्प एंड पेपर टेक्निकल एसोसिएशन, जिसे आईपीपीटीए के नाम से जाना जाता है, का गठन श्री वी.के.पोद्दार के नेतृत्व में कुछ उत्साही पेशेवरों द्वारा वर्ष 1964 में किया गया था। यह भारत और विदेशों में लुगदी, कागज, बोर्ड, अखबारी कागज और संबद्ध उद्योगों में लगे पेशेवरों का एक संघ है। IPPTA का उद्देश्य मुख्य रूप से सदस्यों के बीच बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देना है और इस तरह पेशेवर दक्षता में सुधार करना है। दूसरे, दुनिया भर में लगातार बदलती तकनीक के बारे में जागरूकता पैदा करना और बेहतर उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों प्राप्त करने में इसका उपयोग करना। अंतत: बाधाओं का समाधान खोजने के अलावा अपने सदस्यों को अपनी उपलब्धियों और विचारों को साझा करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना।

Related posts

बुद्ध जयंती के अवसर पर वापी में धम्मरैली एवं आंतरराष्ट्रीय बोद्ध महापर्व धूमधाम से संपन्न

starmedia news

श्रीमद् भागवत कथा सुनकर लोग कर रहे हैं अपने को धन्य

starmedia news

Leave a Comment