गौ माता को वरदान साबित हुई EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विस 1962 की सेवा।
स्टार मीडिया न्यूज, वलसाड। शाम 5 बजे के करीब कलसर गांव के एक स्वयंसेवक हर्षभाई ने गाय के लिए EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विस के लिए 1962 को फोन किया और वलसाड जिले के पारडी तालुका के कोलाक स्थान में 10 ग्राम पशु अस्पताल एम्बुलेंस की मदद मांगी। आपातकालीन कॉल मिलते ही मोबाइल पशु अस्पताल एम्बुलेंस के डॉ. धवल पटेल और पायलट-कम-ड्रेसर राहुलभाई घटना स्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचने पर पता चला कि गाय फंसे हुए बछड़े को लेकर जा रही थी और फंसे हुए बछड़े को जन्म देने के लिए जोर लगा रही थी।
तब डॉ. धवल पटेल ने जांच करने पर पाया कि गाय माता डायस्टोसिया से पीड़ित थी। जिसमें शावक का चेहरा और एक पैर तो निकल गया लेकिन दूसरा पैर अंदर की ओर मुड़ा हुआ था। इससे परित्याग से पीड़ित गौ माता के जीवन को खतरा पैदा हो गया था। उसके बाद स्थानीय लोगों और गौरक्षकों की मदद से डॉक्टर ने घटना स्थल पर गाय माता का सफल प्रसव कराया, अब गाय और बछड़ा दोनों स्वस्थ हैं। वहीं गाय को फ्लूइड थैरेपी दी गई। इस कार्य में EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विस की 1962 सेवा वास्तव में गर्भवती गौ माता के लिए वरदान साबित हुई।