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हिंदुत्व और बजरंग बली के सहारे 2024 फतह की तैयारी में कांग्रेस

बीजेपी को अब हिंदुत्व के मुद्दे पर जोरदार टक्कर देने की तैयारी में कांग्रेस:-

स्टार मीडिया न्यूज डेक्स, 
लगातार निराशा जनक प्रदर्शन से परेशान कांग्रेस अब पूरे देश में हिंदुत्व कार्ड खेलने की रणनीति पर आगे बढ़ती दिख रही है।

हाल ही में कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की कांग्रेसी घोषणा को हनुमान जी से जोड़कर प्रचंड हिंदुत्व कार्ड खेलना चाहा तो कांग्रेस ने उसे लपक लिया था और उसी की फील्ड पर भाजपा को घेर लिया।

परिणाम यह रहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों और हनुमान जी के मुद्दे पर जनता को समझा लिया कि भाजपा से बड़ी हिंदुत्ववादी पार्टी वही है। जनता ने उसे पसंद किया और कांग्रेस को प्रचंड जीत दे दी।

इससे पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन लागू करने की मांग करके राज्य सरकार, केंद्र सरकार व भाजपा को घेरा और सेना की सेवाओं वाले उस राज्य की जनता ने भाजपा को नकार दिया और कांग्रेस को आशीर्वाद दे दिया।

दोनों राज्यों के प्रयोगों पर कांग्रेस में चिंतन-मनन हुआ और तय किया गया कि अब उसे भाजपा को उसकी ही पिच पर हराना है अर्थात हिंदुत्व के मुद्दे पर ही खेलना है।

पिछले दिनों मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समूची बजरंग सेना को कांग्रेस में शामिल करवा लिया।

उस कार्यक्रम में जिस तरह से “जय श्रीराम” और “जय बजरंग बली” के नारे लग रहे थे, लोगों में भ्रम पैदा होने लगा ।

एक बात तो निश्चित है कि अब देश में केवल भाजपा ही अकेली हिंदुत्ववादी पार्टी नहीं रही। कांग्रेस ने भी हिंदुत्व की राह पकड़ ली है। आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल भी कट्टर हनुमान भक्त बन कर चुनावी ढकोसले करने में पीछे नहीं रहते।

बंगाल की ममता बनर्जी कभी कलमा तो कभी मंत्रोच्चार करती नजर आती हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) धर्मनिरपेक्ष हिंदू पार्टी बनने का दिखावा करती रहती है। राकांपा के सर्वेसर्वा शरद पवार भी आजकल चंदन लगाने लगे हैं।

मतलब साफ है कि भाजपा के हिंदुत्व पर लगभग आधा दर्जन पार्टियां आंखें गड़ाए हुईं हैं। कर्नाटक में कांग्रेस ने हनुमान जी का नारा लगाकर उससे सत्ता छीन चुकी है। दिसंबर 2023 तक मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने हैं।

कांग्रेस इन राज्यों में भी हिंदुत्व कार्ड ही खेलने के मूड में दिख रही है। सोमवार को इसकी झांकी मध्यप्रदेश में दिखी। संस्कारधानी जबलपुर में प्रियंका वाड्रा के स्वागत के लिए 30 फीट की गदा लगाई गई थी। मंच से लेकर मैदान तक भक्तिमय वातावरण निर्मिति की कोशिशें स्पष्ट दिख रहीं थीं।

बजरंग सेना के लोग वहां पर भी धार्मिक नारे लगा रहे थे। यहां तक कि प्रियंका वाड्रा ने सर्वप्रथम नर्मदा की पूजा की फिर नियोजित कार्यक्रम में गईं। शहीद स्मारक पर हुए कांग्रेस कार्यक्रम में श्रीमती वाड्रा ने मध्यप्रेदश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को भ्रष्टाचार और हिंदुत्व के मुद्दे पर जमकर घेरा प्रियंका ने पुरानी पेंशन लागू करवाने और संविदा कर्मचारियों के स्थाई करने के मुद्दे को उठाकर “नया वोट बैंक ” तलाशने का भी प्रयास किया है।

कुल मिलाकर कांग्रेस अब भाजपा के प्रचंड हिंदुत्व की काट ढूंढती नजर आ रही है।

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