
21 दिनों के भीतर नीति में सुधार करने हेतु दिया गया निवेदन , मांग पूरी न होने पर देशव्यापी चक्का जाम पर होगा विचार।

कृष्ण मिश्र “गौतम”
स्टार मीडिया न्यूज, वापी। टोल टैक्स लूट के विरोध में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बैनर तले देश भर के मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी ,तथा स्थानीय ट्रांसपोर्टर संगठनो द्वारा वापी के बगवाड़ा टोल नाका के पास रजवाड़ी होटल प्रांगण में मुस्तैद पुलिस प्रशासन के बीच धरना और आंदोलन का प्रदर्शन किया गया साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ज्ञापन सौंपा गया। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 100 प्रतिशत टोल संग्रह नियम की समाप्ति और निर्धारित टोल के 40 प्रतिशत के बावजूद 100 प्रतिशत टोल वसूलने के लंबे समय से चल रहे चलन के विरोध में भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस लंबे समय से मांग करता आ रहा है। विमर्श के बाद देश के सभी संगठन से जुड़े लोग एक मंच पर आंदोलन के लिए जुटे।

धरना-प्रदर्शन करने के बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो दिल्ली में जंतर-मंतर पर देशव्यापी प्रदर्शन किया जायेगा। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के नेतृत्व में होने वाले धरने में अहमदाबाद से मुंबई जाने वाले हाईवे पर वड़ोदरा भरूच, भरूच-सुतार, बोरिया भरूच-सूरत ,बगवाड़ा, चरोटी के टोल बूथों के खिलाफ यह विरोध दर्ज कराया गया साथ ही एनएचएआई के अधिकारी दीपक राजपूत को ज्ञापन दिया गया। बगवाड़ा टोल रोड से रोजाना 10 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं।

अखिल गुजरात ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश भाई दावे के अनुसार देश के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा संसद में दिए गए बयान में सालाना 60 हजार करोड़ रुपए टोल द्वारा सरकार के खजाने में आता है। सभी संगठन ये 60 हजार करोड़ रुपए एक किश्त में चुकाने तैयार हैं, उन्हे कोई आपत्ती नही है,लेकिन इसको चुकाने के बाद कोई भी अतिरिक्त टोल टैक्स न लगे। जो टोल नाके नए हैं , जहां वाजिब है , उन्हे टोल देने में कोई आपत्ती नही है , लेकिन जहा 15 साल तक के निर्धारित समय के बाद भी 100% टोल वसूलना नियम के विरुद्ध है। नियम के अनुसार सड़को की रख रखाव के लिए 40% टोल लिया जाना चाहिए।

टोल प्लाजा के संचालन एवं हस्तांतरण टेंडर के तहत वसूली की निर्धारित सीमा पूरी करने के बाद भी 100% टोल वसूला जा रहा है । नियम के मुताबिक इस नियम के अनुसार उदाहरण के तौर पर भारी ट्रकों से करीब 1100 रुपये टोल टैक्स वसूलना होता है, जिसके एवज में सरकार करीब 2590 रुपये टैक्स वसूल रही है। टोल वसूली की अवधि समाप्त होने के बाद निर्धारित टोल राशि का 40 प्रतिशत ही टोल वसूलने का नियम है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी इस मुद्दे पर खामोश हैं ये चिंता का विषय है। न्याय के लिए मजबूरन सभी ट्रक चालकों, ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों को सड़क पर उतरना पड़ेगा। सरकार द्वारा मनमाना कई तरह के टैक्स लाद दिया गए हैं, उसके ऊपर टोल टैक्स , ट्रांसपोर्टरों के लिए गले की हड्डी बनती जा रही है।

मीडिया को संबोधित करते हुए पदाधिकारियों ने इसी मांग पर सभी ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन एक मंच पर इकट्ठा हो कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया है की ,जल्द से जल्द इस नीति को लागू किया जाए । ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों की बिल्कुल सीधी मांग है ,टोल नाके हेतु बने कानून को सरलता से लागू किया जाए , ताकि इस मकड़जाल से ट्रांसपोर्टरों को राहत मिल सके। इस विरोध प्रदर्शन में गुजरात, दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के ट्रांसपोर्ट परिवहन संघों के पदाधिकारी सहित वापी ट्रांसपोर्ट संघ के पदाधिकारी समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे । साथ ही स्थानीय ट्रांसपोर्टेशन समिति मीडिया को संबोधित करते हुए वापी ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के प्रमुख भरत भाई, अरविंद भाई, बाला जी, रामसिंह जी, लाखन भाई समेत कई ट्रांसपोर्ट्स ने प्रशासन से इस मुद्दे पर संज्ञान लेकर न्याय संगत कार्यवाही करने का निवेदन किया है।