अल्पसंख्यक समुदाय की 15 सूत्री क्रियान्वयन समिति की बैठक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष केरसी देबु की अध्यक्षता में हुई:-
केरसी देबु ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा संचालित संस्था के लिए अल्पसंख्यक दर्जा प्रमाणपत्र प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम के तहत वलसाड जिले की क्रियान्वयन समिति की बैठक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष केरसी के. देबु की अध्यक्षता में वलसाड कलेक्टर कार्यालय के सभाखंड में जिलाधिकारी क्षिप्रा आग्रे व विकास अधिकारी मनीष गुरवानी की उपस्थिती में की गई।
इस बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष केरसी के. देबु ने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए 5 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया, परंतु सरकारी योजना की सहायता के लिए जो आवेदन किए जाने चाहिए वह बहुत कम किए जा रहे हैं। इसलिए आवंटित बजट का सही उपयोग नहीं हो सका। वलसाड नगरपालिका के पूर्व नगरसेवक जाकिरभाई पठान ने भी कहा कि वलसाड जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना जरूरी है।
श्री केरसी देबु ने आगे कहा कि सरकार की योजना के प्रचार-प्रसार से ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी मिल सकती है। अल्पसंख्यकों के विकास के लिए सरकार के पास कई कार्यक्रम हैं। जिसके अनुसार उद्योगों के लिए रू. 6 लाख तक की ऋण सहायता मामूली दर पर उपलब्ध है और इसे लंबी अवधि में चुकाना भी पड़ता है। मुस्लिम समाज में धार्मिक शिक्षा सर्वप्रथम मदरसों में दी जाती थी। लेकिन इस मदरसे के छात्रों को सरकार द्वारा धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ सामान्य शिक्षा भी दी जा रही है ताकि उनके समाज का संतुलित विकास हो सके।
सिख समुदाय के चिकलीगर लोगों के बारे में केरसी देबु ने कहा कि वे अवैध गतिविधियों में शामिल हैं। एक तरह से वे बड़े कारीगर हैं। अतः सरकार द्वारा उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की योजनाएँ बनाई गई हैं। अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा चलाए जा रहे संस्थानों जैसे स्कूल-कॉलेज, अस्पताल आदि के लिए अल्पसंख्यक दर्जा प्रमाण पत्र बेहद जरूरी है। यदि संस्था को सरकारी सहायता से और विकसित करना है तो वह प्रमाण पत्र उपयोगी हो जाता है। इस संबंध में नगर पालिका के पूर्व पार्षद इम्तियाजुद्दीन काजी ने पूछा कि अल्पसंख्यक दर्जे का प्रमाण पत्र मिले और प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है ? जिसके जवाब में जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकासती जाति) एम. वाय. थुंथीवाला ने कहा कि इस प्रमाण पत्र को प्राप्त करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकासती जाति) कार्यालय, जिला सेवा सदन-2, वलसाड में आवेदन करना होगा। मुस्लिम समुदाय के अग्रणी जहीरभाई दरयाई ने कहा कि जिले में सरकारी योजना के प्रचार प्रसार में कमी है और कहा कि एक-दो माह में बैठक बुलाकर योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए मार्गदर्शन दिया जाए।
वलसाड जिला बौद्ध समाज के अग्रणी व डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर समाज सुधार समिति के उपाध्यक्ष बीके हिवराले ने पालि भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने और बौद्ध पर्सनल लॉ बनाने के लिए एक प्रस्तुति दी। इस संबंध में आयोग के उपाध्यक्ष श्री केरसी देबु ने कहा कि विभिन्न समुदायों की लुप्तप्राय भाषाओं को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
सिख समुदाय के वलसाड जिले के अग्रणी रवींद्रसिंह धिल्लो ने कहा कि कलेक्टर कार्यालय में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ होना चाहिए ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सरकार की योजना की जानकारी मिल सके। जिसके जवाब में जिलाधिकारी क्षिप्रा आग्रे ने कहा कि कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकसती जाति) में समस्त जानकारी उपलब्ध है। इसके अलावा सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को सार्वजनिक दिनों में जिले का कोई भी अधिकारी आपसे मिल सकता है। यदि कोई अधिकारी नहीं मिलता है तो आप कलेक्टर, जिला विकास अधिकारी और जिला पुलिस प्रमुख से भी मिल सकते हैं। इसके अलावा तालुका एवं जिला अभिनंदन कार्यक्रम में प्रत्येक माह की 1 से 10 तारीख तक आवेदन करना होगा।
इस बैठक में जिला उप पुलिस प्रमुख आर.डी. फणदू, उप जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी अर्जुन पटेल, मुस्लिम समुदाय के अग्रणी अशरफ चुडासमा, जैन समुदाय के प्रतिनिधि डॉ. निपा शाह, पारसी समुदाय के अग्रणी यजदीभाई तुरेल, देजाद हेक्टर चोथिया, कयान बोमी महेरनोश, वलसाड डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर समाज सुधार समिति के अध्यक्ष अविनाश सोनवणे, बौद्ध विहार के प्रबंधक एचएस भालेराव, पुस्तकालयाध्यक्ष मदनलाल सरजारे सहित अल्पसंख्यक समुदाय की महिला अग्रणी भी मौजूद थीं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकसती जाति) के एमवाय थुंथीवाला ने जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के लाभार्थियों को सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। अंत में धन्यवाद ज्ञापन भी उनके द्वारा किया गया।