वलसाड जिला पुलिस के 1400 से अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने सीपीआर प्रशिक्षण के साथ देहदान का भी संकल्प लिया:-
लोगों की जान बचाने में पुलिस कर्मियों के लिए उपयोगी होगा सीपीआर प्रशिक्षण: वित्त मंत्री कनुभाई देसाई
मरने के बाद हमारा शरीर किसी और के काम आए इससे बड़ी बात और कोई हो नहीं सकता : – डॉ. राजदीप सिंह झाला
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की गुजरात राज्य शाखा द्वारा रविवार 11 जून को प्रदेश के प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में कॉल अवेयरनेस प्रोग्राम (सीपीआर ट्रेनिंग प्रोग्राम) का आयोजन किया गया। वित्त, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल राज्य मंत्री श्री कनुभाई देसाई की अध्यक्षता में सिविल अस्पताल परिसर में स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में पुलिस कर्मियों के लिए सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन किया गया था।
इस अवसर पर राज्य के कैबिनेट मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने कहा कि वलसाड जिले की पुलिस व्यवस्था नागरिकों की सलामती और सुरक्षा के लिए अच्छा काम कर रही है, लेकिन सेवा कार्यों में भी वलसाड जिला पुलिस अग्रणी रही है। जिसका एक उदाहरण हम सबने कोरोना काल में देखा है। जब सार्वजनिक सड़कों पर पुलिस की उपस्थिति होती है, यदि कोई दुर्घटना होती है या कोई बेहोश हो जाता है, तो एंबुलेंस आने तक उस व्यक्ति की जान बचाना प्राथमिकता होती है। यदि उस समय मौजूद पुलिस को सीपीआर प्रशिक्षण के बारे में जानकारी हो तो उस व्यक्ति की जान बचाने में उपयोगी हो सकता है। वलसाड जिला पुलिस प्रमुख डॉ. राजदीप सिंह झाला के कार्यकाल में एक भी अपराध अनसुलझा नहीं रहा जिसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। यह सीपीआर प्रशिक्षण प्रत्येक पुलिस कर्मियों के लिए आपातकालीन स्थितियों में दूसरों की जान बचाने के लिए उपयोगी होगा।
वलसाड जिला पुलिस प्रमुख डॉ. राजदीप सिंह झाला ने कहा कि आज प्रदेश में आयोजित सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम कीर्तिमान स्थापित करेगा। खुशी की बात यह है कि इस भागीरथ कार्य में पुलिस को सहभागी बनाया गया है। कोई भी घटना होती है तो पुलिस सबसे पहले मौके पर पहुंचती है। पुलिस का दायित्व न केवल अपराधों को सुलझाना है बल्कि समाज का कल्याण करना और समाज के लिए उपयोगी बनना भी है। इससे खास खुशी की बात और क्या हो सकती है कि इस प्रशिक्षण के जरिए गुजरात पुलिस आपात स्थिति में किसी की भी जान बचाने में मदद करेगी। अंगदान के महत्व के बारे में डॉ. राजदीप सिंह झाला ने आगे कहा कि अंगदान बहुत जरूरी है, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है कि मरने के बाद हमारा शरीर किसी और के काम आ जाए।
गुजरात पुलिस के 50 हजार से अधिक कर्मियों ने इस राज्यव्यापी कार्यक्रम में अंगदान करने का निर्णय लिया ताकि अंगदान को जीवनदान बनाया जा सके। जिसके लिए टोल फ्री नं. 18002335533 की भी घोषणा की गई। इस कार्यक्रम में वलसाड जिला पुलिस व रेलवे पुलिस के 1400 से अधिक पुलिस कर्मियों ने सीपीआर प्रशिक्षण लिया और देहदान का संकल्प भी लिया। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल ने अहमदाबाद के सोला में स्थित जीएमईआरएस अस्पताल से राज्य के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों को वर्चुअली संबोधित किया।
इस अवसर पर धरमपुर विधायक अरविंदभाई पटेल, कपराड़ा विधायक जीतूभाई चौधरी, कलगाम स्थित एसआरपी ग्रुप कमांडेंट विजयसिंह गुर्जर, संगठन जिलाध्यक्ष हेमंतभाई कंसारा, महासचिव कमलेश पटेल, शिल्पेश देसाई, जिला संगठन मीडिया संयोजक दिव्येश पांडेय, दक्षिण जोन संगठन आईटी प्रभारी व सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दक्षिण गुजरात हेड पारस देसाई, संगठन के डॉक्टर सेल के प्रदेश प्रमुख डॉ. विमल पटेल, सिविल हास्पिटल के सिविल सर्जन डॉ. भावेश गोयानी, मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. हार्दिक पटेल, इंडियन सोसायटी आफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट वलसाड सिटी ब्रांच के आफिस बेरर डॉ. गौतम पारिख, डीवायएसपी एके वर्मा, वापी डीवायएसपी बीएन दवे सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर उपस्थित थे।
स्वागत भाषण वलसाड जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. कमलेश शाह ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन वलसाड के डीवायएसपी आरडी फणदू ने किया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन मेडिकल कॉलेज के डीएनबी एनेस्थिसियोलॉजी के सीनियर रजिस्टार डॉ. मीत मोडिया ने किया।