लघुरुद्र यज्ञ, शिवलिंग अभिषेक सहित विभिन्न कार्यक्रम हुआ, धर्माचार्य परभुदादा ने विधवाओं को बांटी स्टील की थालियां:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। प्रगट प्रगटेश्वर धाम आछवनी में पवित्र श्रावण मास का कार्यक्रम धर्माचार्य परभुदादा और रमाबा की सानिध्य में श्रावण मास के पहले सोमवार को ही भक्तिमय वातावरण में 24 घंटे ॐ नमः शिवाय अखंड धुन के साथ मनाया जा रहा है। इस उत्सव में सोमवार को लघुरुद्र यज्ञ, शिवलिंग अभिषेक के साथ ब्रम्ह भोजन भी कराया गया, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। प्रगटेश्वर सेवा समिति महिला मंडल की इलाबेन परमार के मार्गदर्शन में शिव परिवार की महिलाओं ने सुंदर गरबा की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर पोशाक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जो श्रावण के प्रत्येक सोमवार को आयोजित की जायेगी तथा अंतिम सोमवार को परिणाम घोषित कर विजेताओं को प्रोत्साहन पुरस्कार दिये जायेंगे।
इस अवसर पर धर्माचार्य परभुदादा ने विधवाओं को स्टील की थाली वितरित की, यह वितरण श्रावण के प्रत्येक सोमवार को किया जाएगा। जिसके लिए विधवाओं को कार्यक्रम में शामिल होना होगा। यहां पूरे श्रावण माह में 24 घंटे अखंड संगीत चलता रहता है, जिसमें संपूर्ण शिव परिवार के भक्त बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस शुभ अवसर पर प्रगटेश्वर धाम के गोर महाराज कश्यपभाई जोशी, अनिलभाई जानी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कुंडी लघुरुद्रयज्ञ अनुष्ठान संपन्न कराया गया।
इस शुभ अवसर पर धर्माचार्य परभुदादा ने प्रगटेश्वर महादेव के चरणों में सत्कर्म करने वाले धरती के देवता ब्राह्मणों को नमन करते हुए कहा, ”आज श्रावण मास का पहला सोमवार है। भक्तों की भीड़ लगी हुई है। ” हर शिव मंदिर में भजन कीर्तन पूजा की जाती है। यहां दूर-दूर से कई शिवभक्त शिव की आराधना के लिए आए हैं। आज आयोजित लघुरुद्र यज्ञ के आरंभ से पहले यज्ञाचार्य भूदेवो ने कश्यपभाई जानी, चिंतन जोशी और हर्ष जानी को आदर और सम्मान के साथ यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें शिव परिवार की उपस्थिति में द्वार से यज्ञकुंड तक लाया गया। यदि शास्त्रों की विधि के अनुसार यज्ञ किया जाए तो कम प्रयास में ही यज्ञ का कई गुना फल मिलता है।
यज्ञाचार्य कश्यपभाई जानी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम आज प्रगटेश्वर महादेव के सानिध्य में एकत्रित हुए हैं। यहां ૐ नमः शिवाय के अतिरिक्त केवल नाद ही सुनाई देता है। यहां हर काम अपने आप होता है। शिव का अर्थ है कल्याण, इसलिए यदि हम अपना कल्याण करना चाहते हैं तो हमें शिव का नाम लेना चाहिए। माथे पर भस्म को लगाकर और रूद्राक्ष धारण करके शिवजी की पूजा करनी चाहिए। बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय है, बेल का पेड़ बहुत महत्वपूर्ण है और परभुदादा अक्सर यहां आने वाले शिव भक्तों को बेल का पौधा उपहार में देते हैं।
पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार के उपलक्ष्य में प्रगटेश्वर धाम आछावनी के अध्यक्ष बिपिनभाई परमार, महिला अध्यक्ष सीताबेन पटेल, मंत्री अमितभाई पटेल, कोषाध्यक्ष हेमंतभाई पटेल सहित शिव परिवार के अप्पूभाई पटेल, विनोदभाई परमार, मयंकभाई ब्रह्मभट्ट, कृपाशंकर यादव, अजयभाई पटेल, कांतिभाई दमनिया, मयूरभाई पटेल और गुजरात-महाराष्ट्र शिव परिवार और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित होकर भगवान शिव की पूजा की।