स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। वलसाड के रबाडा गांव में हरे-भरे जंगलों और प्रकृति की अनुपम सौंदर्य के बीच धरती पर स्वर्ग का अहसास कराने वाली माँ विश्वभारी तीर्थयात्रा धाम में विश्वविधाता माँ विश्वंभरी माता का दर्शन करने के लिए श्रावण मास के दौरान तथा श्रावण मास की शुरुआत से ही दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी है। वैसे देखा जाये तो माँ विश्वंभरी तीर्थ यात्रा धाम में हमेशा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यहां आने वाले सभी छोटे-बड़े दर्शनार्थियों को इस प्राकृतिक वातावरण में बहुत शांति और आनंद की अनुभूति होती है।
इस धाम में अलौकिक पाठशाला (मंदिर) में माँ विश्वंभरी माता, हिमालय में शिवलिंग, गोकुलधाम में श्रीकृष्ण द्वारा उठाया गया गोवर्धन पर्वत, नंदबाबा की कुटिया, वैकुंठधाम (आदर्श गौशाला) में गीर गाय तथा पंचवटी में श्रीराम और सीतामाता के दर्शन कर भक्तगण धन्य महसूस कर रहे हैं। श्रद्धा के साथ सत्य को स्वीकार कराने जहाँ स्वयं माँ विश्वंभरी चैतन्य स्वरूप विराजमान हैं। ऐसे धाम की अद्भुत संरचना वास्तव में पृथ्वी पर स्वर्ग का एहसास कराती है और जीवन में सच्ची शांति और खुशी प्राप्त होती है।
यह तीर्थयात्रा धाम पूरे विश्व के लिए परमतत्व-माँ विश्वंभरी का दिव्य संदेश है: – “अंधविश्वास त्याग कर घर लौटो और घर को ही मंदिर बनाओ”, मूलभूत भक्ति के राह को बताया गया है और बिना किसी जाति, ऊंच-नीच, पुरुष-महिला या अमीर-गरीब के भेदभाव के वगैर सनातन वैदिक धर्म की राह व सत्य-असत्य के भेद बताया गया है। यह दिव्य धाम भवसागर को पार करने अर्थात मोक्ष प्राप्ति के लिए पूरे विश्व में यह दिव्य धाम एक अच्छा प्रकाशस्तंभ रहा है। इस अलौकिक धाम में ज्ञान, भक्ति और कर्म का त्रिवेणी संगम है जो देखने को मिल रहा है। इस धाम के विशाल परिसर में चारों ओर स्वच्छता है जो “स्वच्छता वहां प्रभुता” के प्रचलित कहावत को चरितार्थ करता है।