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वलसाड में शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया सम्मान समारोह

शिक्षक व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहे हैं और राज्य सरकार द्वारा वलसाड जिले में 700 से अधिक नये कमरे बनाये जा रहे हैं:- शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर 
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, 
वलसाड। वलसाड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के मेहनती शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, मेधावी छात्रों और दानदाताओं का सम्मान समारोह शिक्षा मंत्री डॉ कुबेरभाई डिंडोर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। वलसाड के अब्रामा स्थित सरस्वती इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि आज मैं अपने परिवार के बीच सरस्वती के उपासकों का सम्मान करने आया हूं। केजी से पीजी तक शिक्षा प्रदान करके शिक्षक व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण और राष्ट्र निर्माण का कठिन कार्य करके समाज की सेवा कर रहे हैं। कोरोना काल में भी अपनी जान की परवाह किये बिना मरीजों की सेवा करने वाले शिक्षक धन्यवाद के पात्र हैं। सम्मान के सच्चे अधिकारी शिक्षक, डॉक्टर और सैनिक हैं। हमारा देश भारत पहले विश्व गुरु था, तक्षशिला, नालन्दा और वल्लभी जैसे विश्वविद्यालय कार्यरत थे। गुरुकुल से पढ़कर विद्यार्थी आत्मनिर्भर बनकर निकलते थे। जीवन-पद्धति की शिक्षा अपरिमेय थी। भारतीय शिक्षा प्रणाली व्यावसायिक नहीं बल्कि सेवा उन्मुख थी। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा कि शिक्षक कर्मचारी नहीं बल्कि आचार्य हैं। राष्ट्र के आधार स्तंभ हैं और समाज के सेवक हैं । शिक्षा को एक सेवा के रूप में महत्व दिया जाना चाहिए। हर स्कूल में चाणक्य का नारा लिखा हुआ मिलता है, ‘शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोंद में पलते है।’ दरअसल, इस फॉर्मूले पर काम करके इसे सार्थक बनाना होगा. शिक्षकों के पास अद्भुत कला है, वे बच्चों में छिपी ऊर्जा को बाहर ला सकते हैं।
नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति कौशल आधारित होगी। अतिथि देवो भव के साथ-साथ मातृ देवो भव, पितृ देवो भव और गुरु देवो भव की व्यवस्था भी नई शिक्षा नीति में है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी के नेतृत्व में भारत महाशक्ति की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में भारत को पुनः दिव्य बनाना शिक्षकों का ही काम है। बच्चों के उत्थान के लिए असाधारण कार्य करने वाले सम्मानित शिक्षक बधाई के पात्र हैं। जिन स्कूलों का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा है उनसे अन्य स्कूलों को सीख लेकर अपने स्कूलों में सुधार करना चाहिए। इसी तरह जिन शिक्षकों ने सफलता हासिल की है, उन्हें जिला स्तर तक ही सीमित नहीं रहना है, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचना है। हमारे छात्र जिला एवं राज्य स्तर पर स्थान पाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए शिक्षा भी डिजिटल हो रही है, गांव के स्कूलों में भी डिजिटल शिक्षा दी जा रही है। राज्य सरकार की ओर से वलसाड जिले में 700 से अधिक नये कमरों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा पूर्व छात्रों से संपर्क कर दान देने की पहल की जा सकती है।
इस अवसर पर वलसाड विधायक भरतभाई पटेल ने सम्मानित शिक्षकों, प्राचार्यों, चमकते सितारों और दानदाताओं को बधाई दी। धरमपुर विधायक अरविंदभाई पटेल ने कहा कि शिक्षक समाज का अभिन्न अंग हैं। यह विद्यार्थियों के निर्माण के साथ-साथ संस्कार भी पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों से ही समाज उज्ज्वल है। कपराडा विधायक जीतूभाई चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री का डिजिटल इंडिया का नारा गांव के स्कूलों में भी गूंज रहा है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती अलकाबेन शाह, वलसाड तालुका पंचायत अध्यक्ष कमलेसिंह ठाकोर, जिला पंचायत शिक्षा समिति अध्यक्षा निर्मलाबेन जादव, जिला संगठन अध्यक्ष हेमन्त कंसारा सहित अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, प्राचार्य, विद्यार्थी एवं दानदाता उपस्थित थे। प्राथमिक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, जिला आचार्य संघ, जिला माध्यमिक शिक्षक संघ, जिला उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ एवं जिला प्रशासनिक संघ के पदाधिकारियों ने मंत्री जी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
स्वागत भाषण में जिला शिक्षा अधिकारी बी.डी. बारिया ने कहा कि आज यहां 308 लोगों को सम्मानित किया गया है, जिनमें मेधावी विद्यार्थी, शिक्षक, प्राचार्य एवं दानदाता शामिल हैं, जो गर्व की बात है। श्रेष्ठ व्यक्ति का सम्मान पूरे वातावरण को बेहतर बनाता है। आभारविधि मॉडल स्कूल मांडवा के आचार्य गुलाबभाई लुहार ने किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन स्मृतिबेन देसाई ने किया।
मंत्री ने शिक्षकों की लंबित समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया:-
कैबिनेट स्तर के शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर ने शिक्षकों और आचार्यों के प्रश्नों के संबंध में कहा कि आचार्यों के कुछ प्रश्नों का समाधान कर दिया गया है। शिक्षकों के मन में बीएलओ के रूप में कार्य को लेकर जो सवाल हैं, उसका भी हम रास्ता निकालेंगे। शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए स्कूल सहायकों की नई भर्ती की जाएगी। ‘प्रवासी शिक्षकों के शब्द को बदलकर ‘ज्ञान सहायक शिक्षक’ शब्दों का उपयोग किया जाएगा। मंत्री ने आश्वासन दिया कि आगामी 30 जुलाई तक टेट-1, टेट-2 और टाट सहित परीक्षा जिला स्थानांतरण शिविर और उपलब्ध सेवाओं का लाभ सहित कार्य चरणों में पूरे कर लिए जाएंगे, जिससे शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी।

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