स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। वलसाड तालुका के काकडमटी गांव के पार नदी पर पुल नहीं होने के कारण हर मानसून के दौरान गांव में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार नदी के पानी में से श्मशानघाट जाने के लिए लोग मजबूर है। गांव के लोगों की मजबूरी है कि गांव के पास श्मशानघाट न होने की वजह से पार नदी के उस पार बने श्मशानघाट में शव का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। वलसाड तालुका के काकडमटी गांव के स्थानीय लोगों द्वारा उच्चाधिकारियों को बार बार आवेदन पत्र देने के बावजूद गांव के पार नदी पर आज तक पुल का निर्माण नहीं किया जा सका है। गांव की पार नदी पर पुल नहीं बनाये जाने के कारण बरसात के मौसम में गांव के लोगों को अंतिम संस्कार के लिए नदी के उस पार जाने के लिए पानी में से गुजरना पड़ता है। ऐसा ही एक दृश्य रविवार को देखने को मिला जहां पर एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत गांव में हो गई और शव का अंतिम संस्कार करने के लिए गांव के लोगों को नदी के पानी में उतरकर जाते हुए देखा गया। गांव के लोगों को नदी के इस पार से उस पार जाने के लिए काफी तकलीफें उठानी पड़ रही है। एक तरह से देखा जाए तो गुजरात प्रदेश को देश के सभी राज्यों के लिए एक मॉडल प्रदेश के रूप में गणना की जाती है। परंतु अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण आज तक काकडमटी गांव के पार नदी पर पुल नहीं बन पाया है।
गांव के लोगों द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई निराकरण नहीं:-
वलसाड तालुका के काकडमटी गांव में किसी भी व्यक्ति की मौत होती है तो मानसून के दौरान अंतिम संस्कार के लिए नदी के उस पार बने श्मशानघाट में जाने के लिए नदी के उफनती हुई लहरों के बीच से गुजरना पड़ता है। आज रविवार को भी गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई थी। परिवार के लोग श्मशान यात्रा कैसे निकाला जाये इस सोच में पड़ गए थे। परंतु कोई विकल्प न होने के कारण स्वजनों ने श्मशान यात्रा नदी के पानी की उफनती हुई लहरों के बीच निकाला और नदी के उस पार पहुंचने पर अपना नसीब समझा और अंतिम संस्कार कर स्वजनों ने बुजुर्ग की विदाई की। इस श्मशान यात्रा में कई स्वजन भाग नहीं ले पाये जिसका उनको इस बात का मलाल है। वहीं गांव के स्थानीय लोगों ने कहा कि कई वर्षों से पार नदी पर पुल बनाने के लिए उच्चाधिकारियों को बार बार शिकायत व आवेदन दिया गया है, परंतु इसके बावजूद शासन-प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।