वलसाड नगरपालिका के अधिकारी व चीफ आफीसर को सौंपी गई नकल:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। श्री मोरारजी देसाई वेजिटेबल मार्केट एण्ड शॉपिंग सेंटर के व्यापारियों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है और ज्ञापन की एक नकल नगरपालिका के अधिकारी व चीफ आफीसर को दिया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले कई दिनों वलसाड नगरपालिका द्वारा संचालित श्री मोरारजी देसाई वेजिटेबल एण्ड शॉपिंग सेंटर की बिल्डिंग को तोड़े जाने की चर्चा सभी जगह खूब चल रही है। जबकि नगरपालिका के अधिकारीयों द्वारा शॉपिंग सेंटर के पहले व दूसरे महले पर स्थित 120 फ्लैटों में रहने वाले फ्लैट धारकों तथा अंदर के भाग में स्थित सब्जी मार्केट के प्रतिनिधियों के साथ बार-बार मिटिंगें आयोजित की जा रही है। जिसमें शॉपिंग सेंटर के बाहर के भाग में स्थित 60 दुकानों के कब्जेदार मालिकों के साथ मार्केट का रीडेवेलपमेंट के संबंध में किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं की गई है। यहां तक की किसी भी दुकान मालिकों को न बुलाया गया है और न ही कोई लिखित प्रस्ताव दिया गया है। वहीं दुकानदारों को 120 फ्लैटधारकों के प्रतिनिधियों को दिए गए ठराव की नकल की झेरोक्स कापी मिली है। जिसमें बहुत सारे प्रश्न खड़े होते हैं।
वलसाड नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा 2-7-2023 के ठराव नं. 29 में निर्णय लिया गया है कि 120 आवास वाला फ्लोर, ग्राऊंड फ्लोर + दो बिल्डिंगें जर्जरित अवस्था में होने की वजह से उन्हें जमींनदोज किया जायेगा। जबकि इसकी जानकारी शॉपिंग सेंटर के दुकानदारों को नहीं दी गई है । इसके अलावा दुकानदारों को न ही दुकान खाली करने के लिए कहा गया है और न ही शॉपिंग सेंटर के रीडेवेलपमेंट के प्लान के बारे में बताया गया है और न ही कोई लिखित जानकारी दी गई है। अगर नये शॉपिंग सेंटर का निर्माण होता है तो दुकानदारों को कितने समय के बाद दुकान उन्हें सौंपी जायेगी? ये स्पष्ट नहीं किया गया है। वहीं ठराव में लिखा गया है कि जरूरी फेरफार के आधीन दुकान आवंटित की जायेगी, जबकि “जरूरी फेरफार” को भी स्पष्ट नहीं किया गया है। इसके अलावा ठराव में नया शॉपिंग सेंटर जब तक तैयार होगा, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था का भी उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि दुकानदार व्यापारियों का कहना है कि रीडेवलमेंट से उन्हें बहुत खुशी है, परंतु प्रशासन से अनुरोध है कि उपरोक्त निम्नलिखित मुद्दों को ठराव में शामिल किया जाये और जब तक शॉपिंग सेंटर बनकर तैयार नहीं होता है तब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाये और मुआवजे की भी मांग की है।