स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन के अध्यक्ष जेठाभाई पटेल ने पत्र लिखकर अपने संगठन के सभी पदाधिकारियों को कहा है कि सभी पदाधिकारी अपने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को आवेदन पत्र जमा कराएं , इसलिए पूरे गुजरात में जिला संगठन के पदाधिकारी एक सप्ताह में मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल को आवेदन पत्र सौंपेंगे। अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन ने पत्र के माध्यम से खाद्य पदार्थों में मिलावट और स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की गई है। अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन ने गुजरात सरकार से राज्य में रहने वाले बुजुर्ग नागरिकों के विस्तारित स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थों में मिलावट और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मुद्दों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की मांग की है।
“अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन ” के प्रदेश अध्यक्ष जेठाभाई पटेल और प्रदेश उपाध्यक्ष विजयभाई गोयल ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल को पत्र लिखकर निम्नलिखित मुद्दों और विषयों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य भर में खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले रंगीन रसायनों पर प्रतिबंध लगाया जाये। दूध से बनी वस्तुओं जैसे घी, मावा, आइसक्रीम, पनीर, मिठाई आदि में मिलावट के विरुद्ध प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाये। और खाद्य प्रतिष्ठानों पर इस्तेमाल किए जाने वाले तेल के प्रकार को स्पष्ट रूप से लेबल करने की कानूनी बाध्यता होनी चाहिए।
खाद्य एवं पेय पदार्थ प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों को प्रतिष्ठान में इस प्रकार लिखना चाहिए कि पता चल सके कि वे शुद्ध मक्खन या फैट स्प्रेड का उपयोग करते हैं।
राज्य सरकार के खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग, नापतौल विभाग तथा उपभोक्ता विभाग आदि को नियमानुसार कार्य करने हेतु अभियान चलाना चाहिए तथा यदि आवश्यक हो तो संरचना बढ़ानी चाहिए। तंबाकू, गुटखा और सिगरेट जैसे जंक फूड के स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में मेनू कार्ड या बोर्ड पर लिखा जाना चाहिए और सरकार को इस संबंध में एक अभियान चलाना चाहिए। और इस मामलों के त्वरित निपटान के लिए प्रत्येक जिले में एक खाद्य नमूना परीक्षण प्रयोगशाला होनी चाहिए। जबकि स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक मामलों में जुर्माने की बजाय सज़ा होनी चाहिए। इसके अलावा खाद्य पदार्थों में अजीनो मोटो और मिठाइयों में चांदी की वर्क को लेकर ठोस नीति बनाने की मांग की गई है। वहीं जब अजीनो मोटो की शुरुआत हुई थी तो इसकी सबसे बड़ी पैकिंग 500 ग्राम की थी और अब सबसे छोटी पैकिंग 20 किलो की है। पहले बच्चों को बचाने के लिए पैकेजिंग पर लिखा होता था कि “कृपया बच्चों को सुरक्षित रखें”, अब आजी मोटो की बड़ी मात्रा ही बच्चों के पेट में जाती है जिससे बच्चों सहित सभी को पेट और मुंह में कई तरह की बीमारियाँ हो रही हैं। अब इस मामले को लेकर प्रदेश अध्यक्ष जेठाभाई पटेल ने राज्य भर में संगठन के जिला संगठनों को एक सप्ताह में जिला कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल को आवेदन पत्र जमा करने के लिए कहा है।