अहमदाबाद। दोस्ती की शुरुआत स्कूल के दिनों में होती है। जीवन भर नए लोगों से मिलना, नए दोस्त बनाना जारी रहता है। लेकिन जो दोस्त स्कूल या कॉलेज के समय में बनते हैं, उनकी जगह कोई नहीं ले सकता है । जीवन में एक दोस्त बहुत जरूरी है, यदि दोस्त बचपन का हो तो अति उत्तम। क्योंकि बचपन के दोस्त से जो आत्मीयता होती है, वह बाद के दोस्तों के साथ नहीं हो पाती। क्योंकि पुराना ग्रुप हमेशा खास होता है और अपने पुराने दोस्तों से मिलना भी हमेशा खास होता है। और जब पुराने स्कूल के दोस्त मिलते हैं, तो तमाम बातों को याद कर लोग खुश होने का मौका ढूंढ लेते हैं। वो आपकी मोहब्बत की नाकाम कहानियों पर आपकी हंसी भी उड़ाते हैं, पर आप उनसे परेशान होने की जगह हंसते हैं। आपकी तरक्की पर खुश होते हैं, आप किसी अच्छी कंपनी में नौकरी पाते हैं या आपको प्रमोशन मिलता है, तो स्कूली दोस्तों को सबसे ज्यादा खुशी होती है। क्योंकि हमारी दोस्ती तब की होती है, जब हमारे अंदर आपसी प्रतिस्पर्धा नहीं होती।
एक दूसरे के परिवार को अपने परिवार जैसा सम्मान देना, स्कूल के दोस्तों को एक-दूसरे के परिवार के बारे में सबकुछ पता होता है। वो आपके पिता को अपने पिता जैसा सम्मान देता है और मां को मां कहकर ही बुलाता है। स्कूल के समय की यादों का पिटारा, खराब तस्वीरों का भी कलेक्शन, स्कूल के समय में आपकी जो फोटो बिल्कुल हंसी उड़वाने वाली होती है, वो तस्वीरें भी ऐसे दोस्तों के पास होती है। अधिकतर आपकी शादी के समय ऐसे फोटो सामने आते हैं और आपके रिश्ते को और भी मजबूत करते हैं। कई वर्षों बाद जब ये स्कूल के पुराने दोस्त मिलते हैं तो उनके आनंद की कोई सीमा नहीं होती।
ऐसे ही अहमदाबाद के स्कूल के दोस्तों का मिलन फिर तीसरी बार हुआ । यह सभी दोस्त 1991 में अहमदाबाद के सेंट जोसेफ स्कूल राजपुर में साथ में पढ़ते थे। उस समय के सभी छात्र-छात्राओं ने मिलकर सेंट जोसेफ हाई स्कूल 1991 बैच का गेट-टुगदर प्रोग्राम 2023 का आयोजन चांदखेडा में किया। इस कार्यक्रम में सभी दोस्तों ने मिलकर डांस किया, गरबा, डांडिया, संगीत कुर्सी जैसे तरह-तरह के खेल खेलकर आनंद लिया। इन सभी कार्यक्रमों में लकी ड्रा और ईनाम भी रखे गए थे। साथ साथ स्कुल के लिए स्लोगेन प्रतिस्पर्धा भी रखी थी। जिसमें सभी ने बहेरतरीन शब्दों में कविताएं और स्लोगन लिखा था और बेस्ट ३ को इनाम दिया गया था। उसके बाद सभी दोस्तों ने साथ मिलकर भोजन ग्रहण किया। भोजन करने के बाद सभी दोस्तों में चर्चा-परिचर्चा शुरू हो गई। कुछ साल पहले यही ग्रुप ने सेंट जोसेफ के छात्रों को किताबें, बैग सहित अन्य पठन सामग्री उपलब्ध कराया था।