अत्यंत गरीब परिवार के बच्चे का जन्मजात बीमारी का किया गया नि:शुल्क इलाज:-
श्यामजी मिश्रा
वलसाड जिला। दिहाड़ी मजदूरी करके जीविकोपार्जन करने वाले परिवार में जब किसी बच्चे को जन्मजात बीमारी या शारीरिक दोष हो जाता है, तो परिवार का माहौल टूट जाता है। अकेले घर चलाते हुए इतनी कम आय वाले बच्चे का इलाज कैसे करें? क्या बच्चा बेहतर हो जायेगा? ऐसे कई सवाल घेरते हैं। लेकिन भारत सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना बच्चे को इन सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाती है और बच्चे को एक स्वस्थ और बेहतर भविष्य भी प्रदान करती है।
ऐसा ही एक मामला वलसाड जिला के कपराडा तालुक के वावर गांव का है। वावर गांव के रीठमाल फलिया के अत्यंत गरीब परिवार में जन्मे बालक मितेश माधव वाघला जन्म से ही एकतरफा कटे होंठ की बीमारी से पीड़ित था। तब आरबीएसके टीम 275 ने जन्म के कुछ दिन बाद बच्चे की बीमारी की जानकारी होम विजिट के दौरान हुई। संपूर्ण चिकित्सीय परीक्षण के बाद परिवार को बताया गया कि यह समस्या स्वास्थ्य उपचार से ठीक हो सकती है, जो सरकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत यह ऑपरेशन निःशुल्क प्रदान करती है। डॉ. किंजल पटेल और उनकी टीम की डॉ. डिंपी पटेल द्वारा उपचार प्रक्रिया के बारे में अनुनय और विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया। काफी समझाने के बाद 20-03-2023 को बच्चे का परिवार वापी के हरिया एल जी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने को तैयार हुए। वहीं बच्चे को वापी की हरिया एल. जी. रोटरी अस्पताल में ऑपरेशन के लिए रेफर किया गया। लेकिन चूंकि उस समय बच्चे का वजन सामान्य से कम था, इसलिए आरबीएसके टीम ने बच्चे को लगातार निगरानी में रखा और मां को आवश्यक पौष्टिक आहार के बारे में बताया ताकि कुछ ही समय में बच्चे का वजन सामान्य हो जाए। उसके बाद आयुष्यमान कार्ड के लाभ के अंतर्गत 28-10-2023 को हरिया एल. जी. रोटरी हॉस्पिटल में बालक मितेश के कटे होंठ का निःशुल्क सफल ऑपरेशन किया गया। फिलहाल मितेश बिल्कुल फिट और स्वस्थ हैं, आरबीएसके की टीम समय-समय पर उनके घर आकर बच्चे के वजन और स्वास्थ्य की जांच करती है। छह माह के बाद बच्चे को आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त भोजन देने के लिए लगातार मार्गदर्शन भी दे रही है, ताकि उसका स्वास्थ्य बना रहे।
आरबीएसके टीम की डाॅ. किंजल पटेले ने कहा कि उन्हें घर के दौरे के दौरान मितेश के बारे में पता चला। जरूरी मेडिकल जांच की गई और परिवार को बच्चे का इलाज कराने के लिए राजी किया गया। इस ऑपरेशन की लागत लगभग 50,000 रूपये है लेकिन बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे आयुष्यमान कार्ड के अंतर्गत मुफ्त ऑपरेशन के लिए रेफर किया गया। टीम ने नियमित दौरे के माध्यम से ऑपरेशन के बाद की देखभाल और चिकित्सा जांच पर मार्गदर्शन के लिए घर का दौरा किया। अब बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है तो सरकार की यह योजना जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रही है। मितेश की मां ने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है, मितेश को जन्म से ही यह समस्या थी। आरबीएसके के डॉक्टरों ने उनकी जांच की और अस्पताल में ऑपरेशन कराने को कहा। समझाया गया कि सरकार आयुष्यमान कार्ड से सारा खर्च देगी और ऑपरेशन से बच्चा ठीक हो जाएगा। इसलिए वापी अस्पताल में ऑपरेशन नि:शुल्क किया गया और अब बच्चा ठीक है। डॉक्टर भी घर आते हैं और बच्चे की जांच करते हैं इसलिए मैं सभी को धन्यवाद देती हूं।’