राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका को 1.89 करोड़ का अनुदान आवंटित, 98 फीसदी काम हुआ पूरा:-
महिलाओं, बच्चों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे पाठकों के लिए अलग-अलग वर्ग बनाए गए हैं:-
ग्राउंड प्लस दो मंजिला पुस्तकालय भवन में एक सम्मेलन कक्ष और एक पुस्तकालय भी होगा:-
जिग्नेश सोलंकी
स्टार मीडिया न्यूज,
वलसाड। ऋग्वेद में लिखा है, “आ नो भद्रा: ऋतवो यन्तु विश्वत:” अर्थात हमें हर दिशा से शुभ और सुंदर विचार प्राप्त हों। शुभ और सुंदर विचार मानव चेतना के विकास की ओर ले जाते हैं। भगवद गीता में कहा गया है, “न हि ज्ञानेन सद्शं पवित्रमिह विद्यते” अर्थात इस दुनिया में ज्ञान से बढ़कर पवित्र कुछ भी नहीं है। मानव शरीर के मन को पोषण देने वाला अच्छा साहित्य पढ़ना आज के समय में अपरिहार्य हो गया है। आज 23 अप्रैल विश्व पुस्तक दिवस पर हर जगह पढ़ने की महिमा को समझाया जाएगा। जब देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने गुजरात के लोगों के बीच पढ़ने की आदत को विकसित करने के लिए जीवन और संस्कृति का समन्वय करके “वांचे गुजरात” अभियान शुरू किया था।
जिससे पूरे प्रदेश में पढ़ने की लहर दौड़ गई। इसका फायदा वलसाड की जनता को भी हुआ है। राज्य सरकार वलसाड में अत्याधुनिक पुस्तकालय का निर्माण करेगी। जिसके लिए 1 करोड़ 89 लाख का अनुदान आवंटित किया गया है। जबकि पुस्तकालय निर्माण सहित 98 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अब सिर्फ दो फीसदी काम बचा है। 1000 पाठकों की क्षमता वाला यह आधुनिक पुस्तकालय अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार द्वारा वलसाड के लोगों को उपहार में दिया जाएगा।
सोशल मीडिया के दौर में पढ़ने की रुचि कम होती जा रही है जिससे लोग अक्सर भटक जाते हैं। ऐसे समय में अच्छी किताबें रास्ता दिखाती हैं। कहा जाता है कि एक किताब सौ दोस्तों की जरूरतें पूरी कर देती है। जीवन में सीखने, सृजनात्मकता और अंकज्ञान में पुस्तकों का योगदान अमूल्य रहा है। दुनिया कितनी भी आधुनिक क्यों न हो जाए, परंतु किताबें अभी भी जीवन जीने का सही तरीका बताती हैं और जब जीवन में अंधेरा हो जाता है तो इससे कैसे बाहर निकला जाए तो उसकी राह पुस्तक ही बताती है। व्यक्तित्व निर्माण अच्छी पुस्तकें पढ़कर ही किया जा सकता है। लोगों में पढ़ने की घटती रुचि को जगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा वांचे गुजरात सहित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। जिसमें अब डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से लोगों के जीवन को ज्ञान से समृद्ध करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पहल की गई है।
15 अगस्त 1948 को वलसाड शहर में डीएन शॉपिंग सेंटर के सामने जनता द्वारा दान की गई 1000 पुस्तकों के साथ शुरू हुई, वलसाड नगर पालिका द्वारा संचालित गांधी लाइब्रेरी ने दशकों से वलसाड के लोगों की पढ़ने की भूख को संतुष्ट किया है, परंतु जमाने के साथ कदम मिलाते हुए राज्य सरकार गांधी लाइब्रेरी को आधुनिक लाइब्रेरी बनाने के लिए 1 करोड़ 89 लाख का अनुदान आवंटित किया है। जिसके चलते भूतल के साथ-साथ दो मंजिला पुस्तकालय भवन तैयार किया गया है। जिसमें आने वाले कुछ दिनों में डिजिटल लाइब्रेरी का नया पुस्तकालय वलसाड के पढ़ने वाली जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इस बारे में वलसाड नगर पालिका के इंजीनियर हितेश पटेल ने कहा कि शायद गुजरात के स्थापना दिवस पर एक मई से पुस्तकालय का शुभारंभ करने के लिए नगरपालिका द्वारा युद्ध स्तर पर सभी कार्य किए जा रहे हैं।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए विशेष व्यवस्था:-
वलसाड नगरपालिका की इंजीनियर नगमा मोदी ने बताया कि इस नई लाइब्रेरी में सरकारी नौकरियों के लिए जीपीएससी-यूपीएससी समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहद उपयोगी किताबें उपलब्ध होंगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को पढ़ने में दिक्कत न हो, इसे ध्यान में रखते हुए अलग से बैठने की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों के लिए अलग सेक्शन तैयार किए गए हैं। एक सम्मेलन कक्ष और एक पुस्तकालय भी उपलब्ध होगा। इसके अलावा पार्किंग, शौचालय, बैठने की व्यवस्था समेत तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
एक लाख रुपये की नई पुस्तकें खरीदीं गई हैं, अब कुल पुस्तकें 26607 हो गई हैं:-
वलसाड के गांधी लाइब्रेरी के ग्रंथपाल इलियास मंगा ने कहा कि इस नई लाइब्रेरी के लिए एक लाख रुपये की नई 600 पुस्तकें खरीदी गई हैं। इसके बाद हर साल 500 से 1000 नई किताबें खरीदी जाएंगी। वर्तमान में धार्मिक, आध्यात्मिक, साहित्य, कला, संस्कृति, नाटक, उपन्यास, कहानी और सामान्य ज्ञान की 26607 पुस्तकें उपलब्ध हैं। जिसमें 5500 अंग्रेजी उपन्यास, गुजराती भाषा में 13000, हिंदी भाषा में 1000 और मराठी भाषा में 90 पुस्तकें हैं। जबकि बच्चों के लिए 3000 बाल साहित्य की पुस्तकें हैं। 1000 पुस्तकें केवल गांधी बापू के जीवन को स्पर्श करने वाली हैं। जो पाठकों के आकर्षण का केंद्र है।