विज्ञापन प्रकाशित होने के 20 दिनों के भीतर किरायेदार और उसके पहचानकर्ता दलाल की जानकारी भी देनी होगी:-
रेंट एग्रीमेंट को नोटरी करने के बाद गवाह की पहचान का प्रमाण और किरायेदार का मोबाइल नंबर भी देना होगा:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। वलसाड जिला तथा जिला के नजदीक महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दमन व सेलवास में लघु-स्तरीय औद्योगिक इकाइयों और पर्यटन क्षेत्र का विकास हुआ है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट, वाहन परिवहन तथा छोटे-बड़े व्यवसाय भी बड़ी संख्या में हैं। इन औद्योगिक इकाइयों, परिवहन, होटल, रेस्तरां, छोटे और बड़े व्यवसाय, अन्य रोजगार व्यवसाय, कबाड़ और माल गोदाम आदि पर ज्यादातर प्रवासियों काम करते हैं। ये सभी प्रवासी औद्योगिक क्षेत्रों और रिहायशी सोसायटियों और झुग्गी/चाली इलाकों में किराए पर रहते हैं। जिनमें आपराधिक गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर जिला/राज्य से बाहर भाग जाते हैं। पुलिस के द्वारा जांच-पड़ताल के दौरान रहने वाले जगह पर जांच करने पर रूम व मकान मालिक द्वारा जिस व्यक्ति को पहचान व पुरावा के साथ भाड़ा करार नहीं किया जाता, इसके अलावा उसके साथ रहने वाली अन्य महिला/पुरुष का नाम-पता, आधार प्रमाण या फोटो या मोबाइल नंबर आदि की जानकारी नहीं ली जाती है। जिसके कारण आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों की पहचान नहीं हो पाती है या वे झूठे या अन्य व्यक्ति के साक्ष्य के आधार पर रह रहे हैं जिससे व्यक्ति की पहचान या गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
वलसाड जिला में विशेष रूप से नाबालिग लड़की का अपहरण, उसे भगाने या नाबालिगों के साथ यौन अपराध के मामलों में, महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं में ज्यादातर राज्य के बाहर के व्यक्तियों को शामिल होना पाया गया है। जबकि व्यक्ति की पहचान का साक्ष्य लिए बिना उसकी पहचान किए बिना कमरा, मकान, चाली, दुकान, गोदाम तथा आवासीय के रूप में प्रयुक्त होने वाले प्रत्येक स्थान को किराये पर दे दिया जाता है। अतः इस प्रकार किराए पर आवासीय सुविधा प्रदान करने वाले परिसरों/भवनों के स्वामी पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। इसके लिए वलसाड जिला मजिस्ट्रेट क्षिप्रा एस. आग्रे ने भारतीय दंड प्रक्रिया अधिनियम-1973 (1974 का द्वितीय) की धारा-144 के अधिकार के तहत आदेश दिया है कि समग्र वलसाड जिला में कोई मकान, दुकान, आफिस के मालिकों, औद्योगिक इकाइयों के संचालकों अथवा उन संचालकों द्वारा जिस व्यक्ति को अधिकार दिया गया है वह मकान, दुकान, आफिस, औद्योगिक इकाइयों को भाड़े पर देता है तो नीचे सूचित किए गए जानकारी की तैयारी कर संबंधित पुलिस स्टेशन को सार्वजनिक घोषणा के 20 दिन के अंदर देना होगा।
(1) पूरे वलसाड जिले में किसी भी घर/दुकान/कार्यालय/औद्योगिक इकाइयों के मालिक या इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से अधिकृत व्यक्ति, मकान/दुकान/कार्यालय औद्योगिक इकाइयों को किराए पर लेते समय, वे किसी भी व्यक्ति को घर में नहीं रहने देंगे / दुकान / कार्यालय जब तक वे संबंधित पुलिस स्टेशन को सूचित नहीं करते कार्यालय औद्योगिक इकाई को किराए पर नहीं दिया जा सकता है। अब से लीज पर लिए गए घर/दुकान/कार्यालय औद्योगिक इकाई की विस्तृत किरायेदारी के संबंध में आवश्यक जानकारी और संबंधित दलाल जिन्होंने किरायेदारी की पहचान की है, इस विज्ञापन के प्रकाशन के 20 दिनों के भीतर उस क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में प्रस्तुत करना होगा।
(2) पूरे वलसाड जिला में किरायेदार और उसके साथ रहने वाले व्यवसाय में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के फोटो, आईडी प्रूफ और रेंट एग्रीमेंट को नोटरी करने के लिए और रेंट एग्रीमेंट में किरायेदार के गवाह का पहचान प्रमाण और मोबाइल नंबर भी प्राप्त करना।
(3) पूरे वलसाड जिले में किराएदार तथा उसके साथ व्यवसाय करने वाले तथा उसके साथ रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम-पता, कंपनी, दुकान, फैक्ट्री, गोदाम, व्यवसायिक स्थान का सत्यापन कराना।
(4) पूरे वलसाड जिला में किरायेदार और उसके साथ रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पैतृक गांव का नाम-पता और स्थानीय पुलिस स्टेशन का नाम और मूल निवासी का मोबाइल नंबर प्राप्त करना।
(5) पूरे वलसाड जिला में मालिक जो परिसर/मकान किराए पर देता है, किराये के समझौते को नोटरी कराता है, आवश्यक सहायक साक्ष्य प्राप्त करता है और निर्धारित नमूना प्रपत्र और किराये के समझौते की प्रमाणित प्रति के साथ स्थानीय पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट करना होगा।
(6) पूरे वलसाड जिला में किरायेदारों की किसी भी संदिग्ध गतिविधि या आपराधिक गतिविधियों की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस और जिला पुलिस विभाग को देना होगा। जबकि यह आदेश दिनांक 26 जून 2023 तक लागू रहेगा।
इस आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत सजा का भागी होगा। वलसाड जिला में सेवा करने वाले पुलिस उप निरीक्षक से लेकर पुलिस उप निरीक्षक या उससे ऊपर के पद के सभी अधिकारी इस उद्घोषणा के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत हैं।
इस आदेश की एक प्रति जिले के सभी पुलिस थानों/चौकियों, सभी मामलातदार कार्यालयों, सभी तालुका पंचायत कार्यालयों और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित की जाएगी। इस आदेश की एक प्रति आसानी से दिखने वाले सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा की जाएगी। जिले के सभी थानों के प्रभारी अधिकारी उपयुक्त आकार के बोर्ड बनवायें ताकि जनता इस आदेश को आसानी से पढ़ सके और अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सार्वजनिक स्थानों पर लगा सके।