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चन्द्र यान ने भेजी चन्द्र की करीब से तस्वीरे, अब चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का इंतजार 

स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, 

बेंगलुरू।  इसरो ने ट्विटर पर ट्विट करके लिखा है कि चंद्रयान-3 मिशन में अब केवल डोरबिट बर्न और लैंडिंग ही बची है। लैंडर इस वक़्त जिस कक्षा में है उसे हमारे द्वारा इंटरमीडिएट ट्रांसफर ऑर्बिट कहा जाता है। यह वह जगह है जहां लैंडर अपने लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय होने का इंतजार करेगा और इसी कक्षा से लैंडर विक्रम की चन्द्रमा पर 23 अगस्त शाम 5 बजकर 45 मिनट पर लैंडिंग होगी। लैंडर की पहली डीबूस्टिंग 18 अगस्त को की गई थी। उस वक्त लैंडर की चन्द्रमा से सबसे कम दूरी 113 किलोमीटर और सबसे ज्यादा दूरी 157 किलोमीटर थी। जबकि दूसरी डीबूस्टिंग 20 अगस्त की आधी रात के बाद हुई और अब लैंडर की चन्द्रमा से सबसे कम दूरी 25 किलोमीटर और अधितम दूरी 134 किलोमीटर है। कुछ दिन पहले चन्द्र यान ने एकदम करीब चन्द्र का वीडियो भेजा था । बाद में यान से प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हुआ विक्रम लैंडर उसका वीडियो भेजा था उसका मतलब माना जाता हैं कि,चन्द्र यान की अब चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हो सकती हैं पर वो लैंडिंग कहा की जाएं?  उसके लिए जगह तलाश रहा है। चंद्र यान 3, जिसे चन्द्रयान-3 या जीएसएलवी-3 (GSLV-3) कहा जाता है । यह एक भारतीय अंतरिक्ष मिशन है । जो चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का लक्ष्य रखता है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा प्रमुखता से निर्माण किया गया है। चन्द्रयान-3 मिशन में दो अवयव होते हैं – चन्द्रयान-3 और विक्रम लैंडर। चन्द्रयान-3 अवयव चन्द्रमा की आधी दूरी को पूरा करने के लिए उपयोग होता है। जबकि विक्रम लैंडर चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और विज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
चन्द्रयान-3 चार प्रमुख उपकरणों से सम्पन्न होता है:-
1. Orbiter:- यह उपकरण चन्द्रमा की आधी दूरी के दौरान सतह पर रहेगा और वैज्ञानिक अनुसंधान करेगा। यह अंतरिक्ष यातायात की सुविधा,चन्द्रमा की तस्वीरों का निर्माण,अभियांत्रिकी परीक्षण और संचार का आधार एकाधिक सेवाएं प्रदान करेगा।
2. Vikram Lander:- विक्रम लैंडर का मुख्य उद्देश्य चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है। यह लैंडर सुरंग ज्ञात करने, चन्द्रमा की तस्वीरें लेने,भौगोलिक और सांस्कृतिक विश्लेषण के लिए वैज्ञानिक उपकरण प्रदान करेगा।
3. प्रगति रोवर:- प्रगति रोवर विक्रम लैंडर से चन्द्रमा की सतह पर प्रक्षेपित किया जाएगा। यह रोवर चन्द्रमा की सतह पर चलकर विज्ञानिक अध्ययन करेगा और ऑन-बोर्ड उपकरणों के माध्यम से जानकारी भेजेगा। इस मिशन के माध्यम से हमें चन्द्रमा के अन्दर की जानकारी में बड़ी प्रगति होने की उम्मीद है और हम यह जानने में मदद मिलेगी कि क्या चन्द्रमा में अंतरिक्ष में जीवन की कोई संभावना है?

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