हिंदुहृदयसम्राट मा. शिवसेना प्रमुख स्वर्गीय श्री बालासाहेब ठाकरे जी हमेशा कहा करते थे कि २० प्रतिशत राजनीति करो व ८० प्रतिशत समाजनीति करो। वे राजनैतिक नेता थे, मगर अनुभवों ने सिखा दिया होगा कि राजनीति में नहीं समाज में सुख है। वे संन्यासी किस्म के नेता थे। और वे गरीबों के मसीहा भी। ऐसे संन्यासी व गरीबों के मसीहा स्वर्गीय श्री बाला साहेब ठाकरे जी के स्मृति दिवस पर हम उन्हें विनम्र अभिवादन व शत् शत् नमन करते हैं ।
खैर वर्तमान समय में उनके पद चिन्हों पर कौन चल रहा है ? आज के अन्य पार्टी के नेता अपने बारे में ज्यादा और गरीब जनता व आम आदमी के बारे में कम सोचता है। इनके लिए आम आदमी के लिए सिर्फ आश्वासन ही काफी है। मगर उस समय साहेब जो अश्वासन देते थे उसे पूरा करते थे । वर्तमान समय में आम आदमी अशांति, तनाव, संघर्ष, गरीबी व कोरोना के पीड़ा से मुक्त चाहता है, और कुछ राजनीतिक नेता व कथित गुरू जनता से सिर्फ वायदे करते हैं, सपने दिखाते हैं, लेकिन जब यही लोग सत्ता पर आ जाते हैं तो वे वादे सिर्फ वायदे ही रह जाते हैं। वे वादे कभी पूर्ण नहीं हो पाते हैं। क्योंकि इनके पूर्ण होते ही राजनीति भी पूर्ण हो जायेगी तब ये किन वादों पर चुनाव लड़ेंगे ? किन सपनों को दिखाकर वोट मागेंगे ? कैसे वोटों का बाजार लग सकेगा ? और चमचों की चाँदी कैसे होगी ? आज-कल तो हर जगह सत्ता के लिए राजनीतिक संघर्ष चल रहा है।
दुर्भाग्य यह है कि हमारे आदर्श, चरित्र, शिक्षा, संस्कृति, जीवन शैली सबके निर्माण में राजनीति, राजनैतिक संघर्ष ही सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनके सारे आदर्श दिखावे के होते हैं। आज तक राजनीति के माध्यम से जानबूझकर शांति, समृद्धि, व आनंद पैदा नहीं किए जा सके। सभी पार्टियों के राजनेता कभी स्वयं में बदलाव की बात नहीं करते, वे हमेशा देश में परिवर्तन की बात करते हैं। उनका मकसद सिर्फ सत्ता परिवर्तन है, और आज तक हजारों वर्ष बीत गए, न जाने कितनी बार सत्ता परिवर्तन हुआ मगर जनता का कितना कल्याण हुआ ? यदि सत्ता परिवर्तन से मनुष्य का कल्याण होता तो आज इस देश के ऊपर चल रहे तमाम संघर्षों से मुक्त हो चुकी होती लेकिन ऐसा नहीं है और हम लगातार संघर्षों और भेदभावों में जी रहे हैं। एक बार पुनः स्टार मीडिया परिवार को तरफ से स्वर्गीय श्री बाला साहेब ठाकरे जी को विनम्र श्रद्धांजलि व शत् शत् नमन ।
।। जय हिंद जय महाराष्ट्र ।।