गौमाता की पूजा द्वारा गौ उपासना एवं गौ चेतना का चलाया गया जागरूकता अभियान :-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। वलसाड के राबडा गांव में माँ विश्वंभरी तीर्थ धाम में गीर गायों का एक आदर्श गौशाला (वैकुंठ धाम) है। जहां पर मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर श्री महापात्र जी ने गौशाला में गौमाता का पूजा-अर्चना किया। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर भारी संख्या में उपस्थित भक्तजनों में गौमाता के प्रति भावना बनी रहे और गौ-चेतना को प्रत्येक मनुष्य में जगाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। गौपूजन के इस कार्यक्रम में कई लोगों ने अपने हाथों से गायों को हरा चारा, अनाज, गुड़, लड्डू खिलाकर अपने को धन्य महसूस किया। इस अवसर पर विधायक अरविंदभाई पटेल, वलसाड जिला पंचायत अध्यक्ष मनहरभाई पटेल, रमेशभाई डोबरिया, राबड़ा गांव के अग्रणी ठाकोर भाई पटेल व भूपेंद्रभाई पटेल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहकर गौपूजन के महायज्ञ का लाभ लिया।
भारतीय शास्त्रों में गाय को सबसे पवित्र और पूजनीय माना गया है। गाय पृथ्वी पर सर्वश्रेष्ठ देवता प्राणी है। गायमाता भारतीय संस्कृति की गौरवशाली प्रतीक हैं। गाय माता से मानव जाति को मातृ प्रेम और स्नेह प्राप्त होता है। गीर गाय या देसी गाय की पीठ पर कुंड में सूर्यकेतु नाड़ी मौजूद होती है, जिससे सूर्य की किरणों से पोषक तत्व अवशोषित होते हैं और सोने के लवण उत्पन्न होते हैं। गाय के दूध में इतने उपयोगी खनिज, लवण, ज्वरनाशक और जीवनवर्धक तत्व होते हैं जितने अन्य किसी पशु के दूध में नहीं होते। गाय का दूध मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम पौष्टिक आहार है। चूंकि गाय मनुष्य के शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए इन्हें गौ माता कहा जाता है। लेकिन आज दुनिया में और हमारे देश में इंसान गाय माता की मर्यादा को भूल कर घोर लापरवाही से उसे सड़क पर पड़ा छोड़ देता है। गाय के संरक्षण, पालन पोषण और प्रजनन के लिए बहुत बड़े पैमाने पर सघन योजना बनाने की तत्काल आवश्यकता है। यदि मनुष्य गौ माता के प्रति अपने पूर्ण कर्तव्य का पालन करे तो वह अपने ऋण से मुक्त हो सकता है।