पश्चिम बंगाल से युवती को अगवा कर वापी के छीरी में देह व्यापार कराया जाता था और डुंगरा पुलिस ने उसे बचाया:-
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो,
वलसाड। वापी में डुंगरा पुलिस द्वारा हिंसा की शिकार एक लड़की को देह व्यापार के चंगुल से छुड़ाया गया था। इसके बाद 23 अप्रैल 2023 को रात 11 बजे वलसाड सिविल अस्पताल के ब्लॉक नं. 2 में कार्यरत सखी वन स्टॉप सेंटर में उसे लाया गया था, जहां उसे अस्थाई तौर पर आश्रय दिया गया था। उस वक्त लड़की कहां की थी किसी को पता नहीं था। परंतु बाद में सखी वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों द्वारा काउंसलिंग के दौरान पता चला कि वह गांव- परशाहपुर कलना, जिला पूर्वी वर्धमान, राज्य- पश्चिम बंगाल की रहने वाली है। जिसे पश्चिम बंगाल से अगवा कर वापी के छीरी में देह व्यापार के लिए लाया गया था।
सखी वन स्टॉप स्टाफ ने उसका सरनेम और उसके परिवार का पता लगाने के लिए काउंसलिंग शुरू की लेकिन वह पश्चिम बंगाल की भाषा बोलती थी और वह गुजराती भाषा नहीं जानती थी तथा उसे हिंदी भाषा बहुत कम समझ आती थी। परंतु बार-बार काउंसिल करने के बाद उसने अपने पिता नंबर दिया। इसके बाद उस नंबर पर कॉल कर पिता को वलसाड सेंटर बुलाया गया। जबकि पिता ने पश्चिम बंगाल के कलना थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वहीं वापी की डुंगरा पुलिस व पश्चिम बंगाल की कलना पुलिस मिलकर सखी वन स्टॉप सेंटर से युवती को लेने आई। इसके बाद लड़की के पिता के आवश्यक साक्ष्यों की जाँच के बाद सखी वन स्टॉप सेंटर ने लड़की को उसके पिता के साथ मिलवा दिया गया। युवती जब सेंटर पर आई थी काफी उदास और मानसिक रूप से टूट चुकी थी। केंद्र की ओर से बच्ची को चाय-नाश्ता, खाना और जरूरी सामान मुहैया कराया गया था। लड़की ने अपने पिता व कलना पुलिस को बताया कि ‘सखी’ वन स्टॉप सेंटर वलसाड में मुझे घर से ज्यादा प्यार और अपने परिवार की तरह रखा और उचित मार्गदर्शन लेकर मुझे नई जिंदगी जीने का मौका दिया। जिसके लिए युवती और उसके पिता ने सखी वन स्टॉप सेंटर का आभार जताया।
इस प्रकार वलसाड जिला महिला एवं बाल अधिकारी के मार्गदर्शन में सखी वन स्टॉप सेंटर वलसाड के द्वारा आश्रय और परामर्श सेवाएं प्रदान कर लड़की को उसके परिवार से मिला दिया गया।