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Saturday, Apr 27, 2024
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कपराडा तालुका के अंभेटी में राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में प्राकृतिक कृषि संगोष्ठी का किया गया आयोजन

गुजरात के 7.75 लाख किसानों ने अपनाया जैविक खेती, राज्य की 6,750 ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में 75 किसान जैविक खेती कर रहे हैं:- राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत
कृषि और किसानों की उन्नति के साथ-साथ देश की आर्थिक समृद्धि के लिए किसानों को प्राकृतिक कृषि अपनाने के लिए राज्यपाल ने अनुरोध किया:
स्टार मीडिया न्यूज ब्यूरो, 
वलसाड। वलसाड में 77वें स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय भव्य समारोह के तहत कपराड़ा तालुका के अंभेटी आश्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल की प्रेरक उपस्थित में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित प्राकृतिक कृषि संवाद में राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रतजी ने धरतीमाता को समृद्ध बनाने हेतु गोबरधन के साथ खेती करने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने यह स्पष्ट किया कि गाँव और कृषि संस्कृति की खेती के माध्यम से ही भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि वास्तव में धरती माँ की सेवा है। मनुष्य के लिए अच्छा स्वास्थ्य आवश्यक है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा आहार आवश्यक है। प्राकृतिक उत्पाद मनुष्य को स्वस्थ रखते हैं, अतः कुल मिलाकर प्राकृतिक खेती लाभदायक खेती साबित हो रही है।
 आत्मा विभाग एवं मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से प्रति माह 3.50 से 4 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण:-
राज्यपाल ने गुजरात के किसानों में प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता की जानकारी देते हुए कहा कि गुजरात के 7.75 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। आत्मा विभाग एवं मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से राज्य के 3.50 लाख से 4 लाख किसानों को हर माह जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से, राज्य की 6,775 ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में 75 किसान जैविक खेती कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने जैविक खेती अपनाने वाले जागरूक किसानों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी पंचायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
गुजरात अगले दो वर्षों में यूरिया-डीएपी, रसायन मुक्त खेती वाला राज्य बन जाएगा:- 
राज्यपाल श्री देवव्रत जी ने प्राकृतिक कृषि के महत्व को विस्तार से समझाते हुए इसकी उपयोगिता बताई और कहा कि प्राकृतिक कृषि से पर्यावरण एवं सूक्ष्म जीवों की रक्षा होती है। हवा शुद्ध रहती है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। गया माता और धरती माता की रक्षा होती है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगले दो वर्षों में गुजरात को यूरिया, डीएपी, रसायन मुक्त खेती वाला राज्य बनाना है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य के किसान प्राकृतिक खेती अपनाकर दुनिया को प्रकृति संरक्षण के साथ जीने की राह दिखाएंगे।
दूरदर्शी नेता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘बैक टू बेसिक्स’ के मंत्र से देश में जीरो बजट प्राकृतिक खेती को गति दी:- मुख्यमंत्री 
 इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने कहा कि दूरदर्शी नेता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बैक टू बेसिक्स के मंत्र के साथ देश में जीरो बजट प्राकृतिक खेती को गति दी है। प्रदेश में अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
प्राकृतिक खेती अभियान जन अभियान के रूप में प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंच गया है:-
मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने इस संबंध में गुजरात के राज्यपाल की सराहना करते हुए कहा कि आचार्य देवव्रत जी ने स्वयं प्राकृतिक खेती कर और इसके अद्भुत परिणामों को आम किसानों तक पहुंचाया। राज्य सरकार के सहयोग और राज्यपाल के नेक प्रयासों से प्राकृतिक खेती का अभियान जन अभियान के रूप में गांव-गांव तक पहुंच गया है।
उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण वर्षा का पैटर्न बदल गया है। तापमान वृद्धि और मौसम में बदलाव जैसे पर्यावरणीय खतरों से निपटने के लिए रोडमैप के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, गुजरात ने 2009 में एशिया में पहला जलवायु परिवर्तन विभाग शुरू कर देश और दुनिया को आगे की दिशा दिखाई है।
आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए प्राकृतिक खेती का विस्तार जरूरी है:-
मुख्यमंत्री ने रासायनिक खेती से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि पहले लोग पचास-पचास साल की उम्र में स्वास्थ्य जांच कराते थे। अब जब कम उम्र में ही लोगों में मधुमेह, रक्तचाप, हृदयाघात की बीमारियाँ बढ़ रही हैं तो उन्होंने शुद्ध एवं स्वच्छ आहार अपनाकर स्वस्थ समाज का निर्माण करने का अनुरोध किया।
उन्होंने विश्वास जताया कि प्राकृतिक खेती से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान कर शत-प्रतिशत किसान प्राकृतिक खेती की ओर रुख करेंगे।
मुख्यमंत्री ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अगली पीढ़ी को स्वस्थ एवं सशक्त बनाने के लिए प्राकृतिक खेती का प्रसार आवश्यक है। उन्होंने आजादी के अमृत कालखंड में ‘आत्मनिर्भर किसानों के माध्यम से आत्मनिर्भर गुजरात’ के निर्माण की संकल्पना के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित कृषि विज्ञान केन्द्र-अंभेटी एवं प्राकृतिक कृषि स्टालों का भी अवलोकन किया।
जिला प्रशासन द्वारा बाजरा की टोकरी देकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री का किया गया स्वागत:-
जिला कलेक्टर श्री क्षिप्रा आग्रे ने स्वागत भाषण देते हुए राज्यपाल श्री, मुख्यमंत्री श्री सहित गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने राज्य सरकार के सक्रिय प्रयासों से जिले के किसानों में प्राकृतिक खेती के प्रति आई जागरूकता की तस्वीर पेश की।
 इस अवसर पर स्वाध्याय केंद्र-किला पारडी के 11 ऋषिकुमारों ने मधुर स्वर में पवित्र वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर हॉल को दिव्य और ऊर्जावान बना दिया। जिला प्रशासन ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री को बाजरे की टोकरी भेंट कर जोरदार स्वागत किया।
कार्यक्रम के अंत में गुजरात विद्यापीठ के सचिव श्री डॉ.हर्षदभाई पटेल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
इस अवसर पर वित्त, ऊर्जा मंत्री श्री कनुभाई देसाई, जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती अलकाबेन शाह, वलसाड-डांग सांसद डाॅ. के. सी. पटेल, कपराडा विधायक श्री जीतूभाई चौधरी, जिला विकास अधिकारी श्री मनीष गुरवानी और बड़ी संख्या में प्राकृतिक खेती पसंद करने वाले किसान और ग्रामीण उपस्थित थे।

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