
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फिल्टरेशन के साथ रीसाइक्लिंग करता अनोखी “स्क्रबर” टेक्नोलॉजी विकसित की:-
स्टार मीडिया न्यूज,
श्यामजी मिश्रा
वापी । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के सपने को हकीकत में बदलने के लिए देश की जनता तो सहयोग कर ही रही है, जो स्वच्छता के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के वैश्विक खतरे से लड़ा जा सकता है। वहीं औद्योगिक विकास के साथ-साथ प्रदूषण को फैलने से रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए वापी की एसएच इंजीटेक कंपनी ने ‘स्क्रबर’ नामक टेक्नोलॉजी विकसित की है।
प्लास्टिक व ठोस कचरा से जमीन और जल प्रदूषण का कारण बनता है लेकिन उद्योगों के विकास के साथ वायु प्रदूषण की संभावना भी बढ़ जाती है। वलसाड जिला के वापी, उमरगाम, वलसाड और पारडी तालुका के जीआईडीसी में विभिन्न औद्योगिक इकाइयाँ स्थित हैं। इसके धुएं से वायु प्रदूषण की आशंका रहती है। इन धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए वापी की इंजीनियरिंग कंपनी ‘एसएच इंजीटेक’ द्वारा एक अनोखा ” स्क्रबर ” फिल्ट्रेशन सिस्टम विकसित किया गया है। इससे इकाइयों से निकलने वाले धुएं का हवा में कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता और वायु प्रदूषण रुक जाता है। जिससे न सिर्फ वायु प्रदूषण पर रोक लगता है बल्कि रासायनिक धुएं को भी रिसाइकल कर दुबारा रसायन का उपयोग भी किया जा सकता है।
‘ एसएच इंजीटेक’ स्वच्छता के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने में भी अपना सहयोग कर रहा है। वह गुजरात की एक मात्र कंपनी है जो स्क्रबर की डिजाइन से लेकर संपूर्ण प्रोडक्ट का निर्माण व इंस्टोलेशन भी करता है। पूरे भारत में केवल दो से तीन इकाइयाँ ही यह कार्य करती हैं। उत्पाद के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले सभी हिस्से और अन्य सामान भारत में ही बने हैं। स्क्रबर के उत्पादन में उत्पन्न कचरे को भी कंपनी में ही रिसाइकलिंग कर और पुन: उपयोग किया जाता है। इसके अलावा ठोस कचरे से फैलने वाली गंदगी को फैलने से रोककर स्वच्छता बनाए रखा जाता है। उत्पाद के निर्माण में उपयोग की जाने वाली हर चीज़ रिसाइकलिंग योग्य है इसलिए पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है। उत्पादों का निर्माण वापी के कराया में किया जाता है, जहां पर 180 से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है।
एसएच इंजीटेक ने वाइब्रेंट गुजरात के अंतर्गत वलसाड के वापी में आयोजित वाइब्रेंट वलसाड में भी भाग लिया था। जिसे मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर भारत द्वारा भी प्रोत्साहन मिला। पूरी तरह से भारतीय उत्पाद होने के कारण इस उत्पाद को देश के जाने-माने उद्योगों में भी स्थापित किया गया है और अब लक्ष्य अधिक स्थानों तक पहुंचने का है ताकि हर कंपनी वायु प्रदूषण न फैलाए। यह कंपनी भारत के साथ-साथ दुनिया भर में यूरोप, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और यूरोपीय देशों में उत्पादों का निर्यात करने में सफल रहा है। सरकार की योजनाओं से लोगों को व्यवसाय करने में काफी लाभ मिल रहा है। साथ ही वे देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए देश के विकास में भी कई तरह से भागीदारी निभा रहे हैं। और स्वच्छता बनाये रखने में अनूठे ढंग से योगदान देकर स्वच्छ भारत मिशन को सार्थक बना रहे हैं।

भारत दुनिया भर में एक भरोसेमंद ब्रांड के रूप में उभरा है:–
एसएच इंजीटेक के डायरेक्टर हरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की MSME योजना द्वारा प्रगति हो रही है। सेटअप करने के दौरान सरकार की तरह से आर्थिक सहायता और सब्सिडी मिलने से अति शीघ्र काम हुआ। MSME सर्टिफिकेट द्वारा बिक्री में कोई दिक्कत नहीं होती और विश्वसनीयता बढ़ती है। इस प्रोडक्ट के माध्यम से, स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बनकर, हम स्वच्छ भारत को बड़े गर्व का विषय बनाने में योगदान दे रहे हैं। इस प्रोडक्ट के जरिए भारत दुनिया में एक भरोसेमंद ब्रांड बनकर उभरा है। वायु प्रदूषण को रोकने और रिसाइकलिंग में मदद के लिए यह प्रोडक्ट कई उद्योगों द्वारा स्थापित किया गया है। वायु प्रदूषण की रोकथाम और रीसाइक्लिंग पर अधिक जोर देने के साथ स्वच्छ भारत और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार की वाइब्रेंट गुजरात, मेक इन इंडिया और एमएसएमई योजनाओं ने व्यवसाय विकास में बहुत मदद की है, इसलिए मैं दिल से सरकार को धन्यवाद देता हूं।
संकलन- सलोनी पटेल, माहिती ब्यूरो